
नोएडा, 27 सितंबर 2024: शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी (डीएम) मनीष कुमार वर्मा ने आज रायपुर सेक्टर 126, नोएडा के प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य था यह जांचना कि विद्यालय में बच्चों को प्रदान की जा रही सुविधाएं और शिक्षा का स्तर मानकों के अनुरूप है या नहीं। इस दौरान डीएम ने मिड डे मील का भोजन भी खुद चखा और उसकी गुणवत्ता परखी, जो कि मानकों के अनुसार सही पाई गई।
शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने विद्यालय के निरीक्षण के दौरान सबसे पहले शिक्षा की गुणवत्ता का जायजा लिया। उन्होंने कक्षाओं में जाकर अध्यापन कार्य देखा और बच्चों से सीधे बातचीत की। डीएम ने यह सुनिश्चित किया कि बच्चे दी जा रही शिक्षा को सही तरीके से समझ पा रहे हैं और शिक्षक उन्हें सिखाने में पूरी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए और यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा प्राप्त हो।

डीएम ने विद्यालय के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को निर्देश दिया कि वे बच्चों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे की स्कूल में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित होनी चाहिए, और जो बच्चे लगातार अनुपस्थित रहते हैं, उनके घर जाकर उनके माता-पिता से बात करनी चाहिए। डीएम ने शिक्षकों को यह भी कहा कि वे ऐसे बच्चों के अभिभावकों को जागरूक करें और उन्हें बच्चों की शिक्षा का महत्व समझाएं।
मूलभूत सुविधाओं का निरीक्षण

शिक्षा के साथ-साथ, जिलाधिकारी ने स्कूल की मूलभूत सुविधाओं का भी गहराई से निरीक्षण किया। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि विद्यालय में पेयजल, शौचालय, साफ-सफाई और बैठने की उचित व्यवस्था हो। डीएम ने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना आवश्यक है, और इसके लिए विद्यालय में स्वच्छता और स्वास्थ्यकर वातावरण बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
निरीक्षण के दौरान विद्यालय के शौचालयों की साफ-सफाई और पीने के पानी की गुणवत्ता की भी जांच की गई। जिलाधिकारी ने शिक्षकों और प्रधानाचार्य को निर्देश दिया कि बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को समय-समय पर स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी दी जानी चाहिए, ताकि वे खुद भी स्वच्छता की आदतें विकसित कर सकें।
मिड डे मील की गुणवत्ता का परीक्षण

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मिड डे मील भोजन का भी निरीक्षण किया। उन्होंने खुद मिड डे मील खाकर उसकी गुणवत्ता परखी और यह सुनिश्चित किया कि बच्चों को दी जा रही भोजन की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप है। मिड डे मील की गुणवत्ता सही पाए जाने पर डीएम ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि बच्चों के शारीरिक विकास के लिए पौष्टिक भोजन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने शिक्षकों और रसोई कर्मियों को निर्देश दिया कि मिड डे मील की तैयारी में हमेशा सफाई और पौष्टिकता का ध्यान रखा जाए।

डीएम ने यह भी सुनिश्चित किया कि भोजन बच्चों को समय पर परोसा जाए और इसके भंडारण एवं पकाने की प्रक्रिया में स्वच्छता के सभी मानकों का पालन हो। उन्होंने बच्चों से बातचीत कर यह भी जाना कि क्या उन्हें भोजन पसंद आ रहा है और क्या वे इसे समय पर प्राप्त कर रहे हैं। बच्चों ने डीएम को बताया कि उन्हें मिड डे मील का भोजन बहुत पसंद है और वे इसे प्रतिदिन उत्साह से खाते हैं।
बच्चों की उपस्थिति पर विशेष जोर

जिलाधिकारी ने विद्यालय में उपस्थिति पंजिका की जांच की और देखा कि बच्चों की उपस्थिति की स्थिति क्या है। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिया कि जो बच्चे लगातार स्कूल नहीं आ रहे हैं, उनके घर जाकर उनके माता-पिता से फीडबैक लिया जाए। डीएम ने कहा कि बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकगण अभिभावकों के साथ मिलकर काम करें और उन्हें यह समझाएं कि बच्चों की शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार है, और यह सुनिश्चित करना शिक्षकों और प्रशासन का दायित्व है कि हर बच्चा नियमित रूप से स्कूल आए और अपनी पढ़ाई में पीछे न रह जाए। उन्होंने प्रधानाचार्य और शिक्षकों से यह भी कहा कि बच्चों की उपस्थिति की निगरानी के लिए समय-समय पर समीक्षा की जाए और अनुपस्थित रहने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
विद्यालय के प्रधानाचार्य और शिक्षकों की सराहना
निरीक्षण के दौरान डीएम ने देखा कि विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता और मूलभूत सुविधाएं सन्तोषजनक स्तर पर हैं। उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की और उन्हें बधाई दी कि वे अपने कार्य को पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। डीएम ने शिक्षकों से कहा कि वे इसी तरह मेहनत करते रहें और बच्चों की शिक्षा में किसी भी प्रकार की कमी न आने दें।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित करना विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों की जिम्मेदारी है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को केवल पाठ्यक्रम की शिक्षा देने तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें नैतिक मूल्यों, स्वच्छता और समाज के प्रति जिम्मेदारियों के बारे में भी शिक्षित करें।
शिक्षा विभाग के अधिकारी भी रहे उपस्थित
निरीक्षण के दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारी भी डीएम के साथ मौजूद रहे। उन्होंने डीएम के निर्देशों का पालन करने का वादा किया और कहा कि विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं में सुधार के लिए वे पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। अधिकारियों ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, वे विद्यालय में समय-समय पर निरीक्षण करते रहेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा और सुविधाएं प्राप्त हो।
समाज और राष्ट्र के विकास में शिक्षा की भूमिका
निरीक्षण के अंत में, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि शिक्षा समाज और राष्ट्र के विकास की नींव है। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त कराना केवल उनका अधिकार नहीं, बल्कि यह देश के भविष्य के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। डीएम ने कहा, “यदि हम चाहते हैं कि हमारा समाज और देश उन्नति करे, तो हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और बेहतर सुविधाएं प्रदान करनी होंगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा के साथ-साथ, बच्चों को नैतिक मूल्यों और समाज के प्रति जिम्मेदारियों के बारे में भी जागरूक करना आवश्यक है। डीएम ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करना एक राष्ट्र निर्माण का कार्य है, और इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा किए गए इस औचक निरीक्षण ने यह सुनिश्चित किया कि गौतमबुद्ध नगर के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और मूलभूत सुविधाएं मानकों के अनुरूप हैं। डीएम के इस निरीक्षण से यह स्पष्ट हुआ कि प्रशासन शिक्षा और बच्चों के समग्र विकास को लेकर गंभीर है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा द्वारा विद्यालयों में किए गए इस प्रकार के औचक निरीक्षण न केवल शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में सहायक होते हैं, बल्कि इससे शिक्षकों और विद्यालय प्रशासन को अपने कार्यों के प्रति अधिक जिम्मेदार और सजग रहने की प्रेरणा मिलती है। इस पहल के माध्यम से गौतमबुद्ध नगर के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा और मूलभूत सुविधाओं के स्तर को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास जारी रहेगा।


































