अमेरिका के शांति प्रस्ताव पर रविवार को यूक्रेन और अमेरिका टेबल शेयर कर रहे हैं. इसमें यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी देश के टॉप डिप्लोमेट समेत नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर शामिल हुए हैं. इन सभी के बीच शांति प्रस्ताव पर चर्चा जारी है. यह सभी स्विजरलैंड के जिनेवा में शामिल हुए हैं. यूक्रेन का मकसद इस पर शांति के लिए अपनी शर्तों पर एक पूर्ण सहमति बनाना है. इसमें रूसी सैनिकों को देश से लौट जाने और यूक्रेन की सीमा क्षेत्रों को फिर से बहाल करने जैसी शर्तें शामिल हैं.
यूक्रेन अधिकारियों ने इस बैठक के बारे में क्या बताया?
यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है, मीटिंग मॉस्को से बातचीत करने की नहीं है. बल्कि शांति समझौते के लिए इंटरनेशनल कम्युनिटी को इकट्ठा और एक राय बनाने पर है. यूक्रेन डेलीगेशन को लीड कर रहे, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रेई यरमक ने जिनेवा में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर्स के साथ मीटिंग की है.
यरमक ने आशा जताते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से बताया, “इस बैठक से एक सकारात्मक और सार्थक वार्ता की उम्मीद है. हम यूक्रेन में शांति बहाल करने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.”
खबर है कि जिनेवा में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो शामिल हो सकते हैं. यह इसलिए भी अहम है कि अमेरिका का इस वार्ता पर क्या रुख होता है.
28 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया
अमेरिका ने चार साल से चल रहे रूस और यूक्रेन युद्ध के लिए शांति प्रस्ताव पास करने को 28 सूत्रीय प्रस्ताव तैयार किया है. जहां एक तरफ यूक्रेन और यूरोपीय देशों में चिंता बढ़ गई है, तो वहीं कई लोगों का मानना है कि यह प्रस्ताव रूस की तरफ से ज्यादा झुका हुआ है. इस प्रस्ताव पर खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि उनको संप्रभु अधिकारों के लिए खड़े होने या अमेरिकी समर्थन में से एक का चुनाव करना पड़ सकता है.
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीस प्लान पर कहा है कि यह उनका अंतिम प्रस्ताव नहीं है. लेकिन हमें शांति की ओर बढ़ना ही होगा.


































