
- कृषि मंत्री ने किसानों को समय पर खाद-बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
- खाद वितरण में पारदर्शिता के लिए खतौनी के आधार पर वितरण सुनिश्चित करने को कहा।
- इस वर्ष खाद की बिक्री में 4.84 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गई।
- अब तक केवल 20% बजट खर्च होने पर अधिकारियों को गति लाने के निर्देश।
- रबी सीजन की तैयारी व सह-फसली खेती के लिए कार्ययोजना जल्द बनाने के आदेश।

लखनऊ, 6 अगस्त 2025 : प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बुधवार को कृषि भवन सभागार में आयोजित विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसानों को समय पर खाद, बीज और कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जाएं तथा स्वीकृत बजट को पूरी पारदर्शिता और गति के साथ किसानों के हित में खर्च किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और योजनाओं के क्रियान्वयन में कोताही पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
खाद आपूर्ति पर विशेष निगरानी
बैठक में कृषि मंत्री ने उर्वरक (खाद) की आपूर्ति, भंडारण और वितरण की स्थिति की गहन समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि हर खाद विक्रय केंद्र पर नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए और किसानों को केवल खतौनी में दर्ज उनकी भूमि के सापेक्ष ही उर्वरक वितरित किया जाए, जिससे जमाखोरी और कालाबाजारी जैसी समस्याओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
उन्होंने बताया कि विभाग की लगातार आपूर्ति व्यवस्था के चलते इस वर्ष खाद की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इस वर्ष अब तक 26.41 लाख मीट्रिक टन खाद की बिक्री हुई है, जो पिछले वर्ष की 21.57 लाख मीट्रिक टन की बिक्री की तुलना में 4.84 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
किसानों को दी सलाह: उर्वरक का संतुलित उपयोग करें
कृषि मंत्री ने किसानों से रासायनिक उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने की अपील करते हुए कहा कि अत्यधिक रासायनिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता और स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि मृदा परीक्षण और जैविक तरीकों को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है।
बजट व्यय में तेजी की जरूरत
कृषि मंत्री ने विभागीय बजट की समीक्षा करते हुए कहा कि अब तक केवल लगभग 20 प्रतिशत बजट ही व्यय हुआ है, जबकि योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन हेतु बजट का पूर्ण और प्रभावी उपयोग आवश्यक है। जिन अधिकारियों का प्रदर्शन असंतोषजनक पाया गया है उन्हें कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने अधिकारियों की दक्षता बढ़ाने के लिए ब्रेन स्टॉर्मिंग कार्यशालाएं आयोजित करने का सुझाव भी दिया, जिससे योजनाओं की समझ और क्रियान्वयन क्षमता में सुधार लाया जा सके।
रबी सीजन की तैयारी अभी से शुरू हो
आगामी रबी सीजन को लेकर कृषि मंत्री ने अभी से तैयारियां प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने गन्ना विभाग के साथ समन्वय बनाकर गन्ना, मक्का, चना, मटर, अलसी, मसूर और सरसों जैसी फसलों की सह-फसली खेती को बढ़ावा देने की कार्ययोजना तैयार करने का आदेश दिया।
फार्म स्कूल के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षण
उन्होंने निर्देश दिया कि फार्म स्कूल के अंतर्गत किसानों को नवीन कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाए। प्रशिक्षण कार्यशालाओं में कम से कम 25 किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए और हर कार्यशाला की वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफी की जाए ताकि कार्यों का प्रामाणिक दस्तावेज तैयार किया जा सके।
धान की बुवाई में अब तक की स्थिति
कृषि मंत्री ने आच्छादन की स्थिति पर जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में अब तक 6741.954 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बुवाई की जा चुकी है। यह संकेत करता है कि किसान इस वर्ष खरीफ फसलों को लेकर सजग और सक्रिय हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव कृषि श्री रवीन्द्र, सचिव कृषि श्री इन्द्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव श्री टी.के. शिबू, विशेष सचिव श्री ओ.पी. वर्मा, निदेशक कृषि डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी और निदेशक सांख्यकीय श्रीमती सुमिता सिंह सहित अन्य वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।