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किसी भी व्यक्ति को खुले आसमान के नीचे न सोने दिया जाए: प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त

किसी भी व्यक्ति को खुले आसमान के नीचे न सोने दिया जाए: प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त
  • मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब तक 1240 रैन बसेरों की स्थापना और 3 लाख से अधिक कंबलों का वितरण।
  • नगर निगम द्वारा रैन बसेरों की सूची स्क्रीन पर प्रदर्शित करने के निर्देश।
  • रैन बसेरों में अलाव, रोशनी और स्वच्छता की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
  • महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध।
  • टेक्नोलॉजी के माध्यम से अलाव और राहत कार्यों की मॉनिटरिंग।

    लखनऊ, 31 दिसंबर, 2024: उत्तर प्रदेश में शीतलहर के व्यापक प्रभाव को देखते हुए, प्रदेश सरकार ने रैन बसेरों की व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने और जरूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं। प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरू प्रसाद और राहत आयुक्त भानुचन्द्र गोस्वामी ने मंगलवार को लखनऊ के जियामऊ, 1090 चौराहा, कैसरबाग और चारबाग बस अड्डे पर स्थापित रैन बसेरों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए कि किसी भी परिस्थिति में कोई भी व्यक्ति खुले आसमान के नीचे न सोये।

    निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य:

    निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने रैन बसेरों में उपलब्ध सुविधाओं की गहन जांच की और जरूरतमंदों को कंबल वितरित किए। प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि रैन बसेरों का संचालन पूरी संवेदनशीलता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि शीतलहर के दौरान जरूरतमंदों की सहायता के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश भर में 1240 रैन बसेरों और आश्रय स्थलों को विकसित किया गया है।

    प्रमुख सचिव पी. गुरू प्रसाद ने कहा, “नगर निगम और प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।” उन्होंने यह भी बताया कि अब तक प्रदेश भर में तीन लाख से अधिक कंबल वितरित किए जा चुके हैं।

    राहत आयुक्त के निर्देश:

    राहत आयुक्त भानुचन्द्र गोस्वामी ने रैन बसेरों और आश्रय स्थलों में व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि:

    • रैन बसेरों में स्वच्छता और ठंड से बचाव के पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित किए जाएं।
    • जिलाधिकारी स्वयं जाकर रैन बसेरों में रह रहे लोगों से बात करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें।
    • जरूरतमंदों को समय पर कंबल उपलब्ध कराए जाएं।
    • किसी भी असहाय, निराश्रित या जरूरतमंद व्यक्ति को खुले आसमान के नीचे न रहने दिया जाए।

    प्रमुख निर्देश:

    1. आश्रय स्थलों में पर्याप्त सुविधाएं: रैन बसेरों में पर्याप्त रोशनी, स्वच्छता और ठंड से बचने के लिए अलाव की समुचित व्यवस्था की जाए।
    2. महिलाओं की सुरक्षा: रैन बसेरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जाएं और वहां पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था हो।
    3. जानकारी का प्रचार-प्रसार: प्रत्येक जोन में रैन बसेरों की विस्तृत जानकारी प्रदर्शित की जाए और नगर निगम द्वारा स्थापित स्क्रीन पर रैन बसेरों की सूची भी प्रदर्शित की जाए। इससे जरूरतमंदों को आसानी से रैन बसेरों की जानकारी मिल सकेगी।
    4. मॉनिटरिंग की व्यवस्था: जल रहे अलाव की टेक्नोलॉजी के माध्यम से मॉनिटरिंग की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर स्थान पर अलाव जल रहे हों।
    5. कंट्रोल रूम की सक्रियता: राहत आयुक्त कार्यालय में कंट्रोल रूम के माध्यम से रैन बसेरों, अलाव और कंबल वितरण पर सीधे संवाद किया जा रहा है। इस फीडबैक के आधार पर जहां भी कमियां पाई जा रही हैं, उन्हें तत्काल दूर किया जा रहा है।

    निरीक्षण के दौरान अधिकारी:

    निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, अपर नगर आयुक्त और अधिशासी अभियंता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि ठंड से बचाव की सभी व्यवस्थाएं प्रभावी ढंग से लागू की जाएं और जरूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाए।

    मुख्यमंत्री की पहल:

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के सभी जनपदों को ठंड से निपटने के लिए पर्याप्त बजट दिया गया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में किसी भी व्यक्ति को ठंड के कारण कठिनाई न हो।

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