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उत्तर प्रदेश में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करना हुआ आसान: अब किसी भी जिले से मात्र 3-4 घंटे में बनेगा सर्टिफिकेट

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है। अब लोगों को अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र या परिवार के किसी सदस्य का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अपने जिले के नगर निगम के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस नई व्यवस्था के तहत, राज्य के किसी भी जिले के नगर निगम से जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा सकेगा, और वह भी केवल तीन से चार घंटे में। यह सुविधा नागरिकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई है, जिससे उन्हें समय की बचत होगी और नगर निगम के चक्कर काटने से भी मुक्ति मिलेगी।

नई व्यवस्था: किसी भी जिले से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन

उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने बताया कि इस नई व्यवस्था को रेलवे टिकटिंग प्रणाली के समान बनाया गया है। जैसे आप किसी भी रेलवे स्टेशन से किसी भी गंतव्य के लिए टिकट बुक कर सकते हैं, उसी प्रकार अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी राज्य के किसी भी नगर निगम से आवेदन किया जा सकेगा। इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए नगर विकास विभाग ने सभी नगर निगमों को एक नेटवर्क से जोड़ने की योजना बनाई है।

नगर निगमों में एक विशेष खिड़की खोली जाएगी, जहां से आप किसी भी जिले के नगर निगम के लिए जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र का आवेदन कर सकेंगे। आवेदन करने के बाद, उसी खिड़की से प्रमाण पत्र तीन से चार घंटे के भीतर उपलब्ध करा दिया जाएगा।

नागरिकों को मिलेगी बड़ी राहत

अभी तक जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को अपने ही जिले के नगर निगम में आवेदन करना पड़ता था। इस प्रक्रिया में नागरिकों को कई बार नगर निगम के चक्कर काटने पड़ते थे, और कभी-कभी रिश्वतखोरी जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता था। नई व्यवस्था के लागू होने से नागरिकों को इन समस्याओं से निजात मिलेगी।

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए पुराने नियम

  • जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन 21 दिन के भीतर करना होता है।
  • जन्म प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल से प्राप्त प्रमाण पत्र या घर में जन्म होने पर पार्षद द्वारा जारी पत्र जमा करना होता है।
  • मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र, दुर्घटना की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, या पार्षद द्वारा जारी पत्र आवश्यक होता है।
  • 21 दिन के भीतर आवेदन न करने पर, SDM और नगर निगम की रिपोर्ट की आवश्यकता होती है, जिससे प्रक्रिया 20-30 दिन तक खिंच जाती है।

नई व्यवस्था कैसे करेगी काम?

  1. विशेष खिड़की की स्थापना: हर नगर निगम में एक खास खिड़की बनाई जाएगी, जो विशेष रूप से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए होगी।
  2. ऑनलाइन फाइल ट्रांसफर: नगर निगम का कर्मचारी संबंधित नगर निगम को फाइल ऑनलाइन ट्रांसफर करेगा।
  3. डिजिटल साइन: संबंधित नगर निगम का जिम्मेदार अफसर फाइल की जांच करेगा और डिजिटल साइन कर उसे वापस उसी नगर निगम को भेज देगा जहां से आवेदन किया गया था।
  4. तत्काल प्रमाण पत्र जारी: फाइल की जांच होते ही संबंधित नगर निगम द्वारा तीन से चार घंटे के अंदर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
  5. सभी नगर निगम आपस में जुड़े रहेंगे: इस नई व्यवस्था के तहत सभी नगर निगमों को एक नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिससे फाइल ट्रांसफर और सत्यापन की प्रक्रिया में तेजी आएगी।
  6. आगे की जांच: प्रमाण पत्र जारी करने के बाद भी संबंधित नगर निगम आगे की जांच जारी रखेगा। अगर किसी भी प्रकार की त्रुटि पाई जाती है, तो आवेदक से उसे सुधारने के लिए कहा जाएगा। अगर आवेदक ने जाली दस्तावेज जमा किए हैं, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

नए सिस्टम की शुरुआत कब से होगी?

नगर विकास विभाग ने इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सॉफ्टवेयर के विकास का काम अंतिम चरण में है और इसके तैयार होते ही इसे राज्य के हर नगर निगम में लागू कर दिया जाएगा। यह कदम राज्य में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

नई व्यवस्था के फायदें:

  • समय की बचत: नागरिकों को अपने प्रमाण पत्र के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। तीन से चार घंटे के भीतर प्रमाण पत्र मिल जाएगा।
  • नगर निगम के चक्कर लगाने से मुक्ति: अब नागरिक किसी भी जिले के नगर निगम से प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपने जिले के नगर निगम के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
  • भ्रष्टाचार में कमी: इस नई प्रणाली से नगर निगम में भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होगी, क्योंकि अब आवेदन प्रक्रिया और प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन होगी।
  • डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा: सभी नगर निगमों के नेटवर्किंग और डिजिटल साइन प्रक्रिया से राज्य के ई-गवर्नेंस में सुधार होगा।

आम जनता के लिए क्या बदलेगा?

इस नई व्यवस्था के तहत नागरिकों को अपने दस्तावेज जमा करने और प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए सिर्फ एक बार नगर निगम आना होगा। नगर निगम में एक खास खिड़की बनाई जाएगी जहां से नागरिकों को अपने प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने और प्राप्त करने की सुविधा होगी। यह खिड़की राज्य के सभी नगर निगमों में उपलब्ध होगी, जिससे किसी भी नगर निगम से जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना संभव हो सकेगा।

उत्तर प्रदेश में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया में इस सुधार से नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। यह कदम राज्य में नागरिक सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। नगर विकास विभाग की यह नई व्यवस्था निश्चित रूप से नागरिकों के लिए सहूलियतें बढ़ाएगी और राज्य के ई-गवर्नेंस को और सशक्त करेगी।

इस पहल से नागरिकों को अब नगर निगम के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और वे आसानी से अपने प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश में इस नई व्यवस्था के लागू होने से नागरिक सेवाओं में निश्चित रूप से सुधार होगा और यह राज्य के ई-गवर्नेंस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

इस खबर से जुड़ी ताजा जानकारी और अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें। नई व्यवस्था के लागू होने के बाद, प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया और भी अधिक सरल और तेज हो जाएगी।

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