
- पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर की अध्यक्षता में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक।
- सरकारी योजनाओं की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए समयसीमा और लक्षित प्रगति पर जोर।
- “जीरोपावर्टी-उत्तर प्रदेश” योजना का सर्वेक्षण 31 दिसम्बर तक पूर्ण किया जाएगा।
- सीएसआर फंड की मदद से निर्धनतम परिवारों की स्थिति में सुधार लाने की योजना।
- 02 अक्टूबर 2025 तक प्रदेश को गरीबी मुक्त करने का लक्ष्य और सर्वेक्षण कार्य की तीव्रता।

लखनऊ, 24 दिसम्बर, 2024 – प्रदेश के पंचायतीराज, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ और हज मंत्री श्री ओमप्रकाश राजभर की अध्यक्षता में आज लोहिया भवन में पंचायतीराज निदेशालय के सभागार में एक महत्वपूर्ण विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश के समस्त मण्डल/जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की गहन समीक्षा की गई। श्री राजभर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत प्रगति सुनिश्चित की जाए।

बैठक में श्री राजभर ने यह भी कहा कि विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सरकारी वाहन भत्ते की व्यवस्था को सुलभ और कारगर बनाना जरूरी है। इससे अधिकारियों को क्षेत्र भ्रमण में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिससे योजनाओं का कार्यान्वयन सुचारू रूप से हो सकेगा। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर यात्रा कर योजनाओं की प्रगति पर नजर रखें और उसकी निगरानी करें।

श्री राजभर ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि जिन अधिकारियों ने योजनाओं में अच्छा प्रदर्शन किया है, उन्हें प्रोत्साहित किया जाए, जबकि जिन अधिकारियों ने अपेक्षित प्रगति नहीं की है, उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान कर उनकी कार्यप्रणाली को सुधारने के उपाय किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से विमुख रहता है या योजनाओं को पूरा करने में लापरवाही बरतता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
बैठक की द्वितीय पाली में, श्री राजभर की उपस्थिति में प्रदेश के समस्त पंचायत सहायकों के साथ एक वेबिनार आयोजित किया गया, जिसमें पंचायत सहायकों के कार्यों पर चर्चा की गई और उनकी समस्याओं का समाधान तलाशने के प्रयास किए गए। वेबिनार में मुख्य सचिव कार्यालय के वरिष्ठ सलाहकार श्री संदीप मांझी ने प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजना “जीरोपावर्टी-उत्तर प्रदेश” पर विस्तृत चर्चा की। श्री राजभर ने इस योजना के उद्देश्यों और लाभार्थियों की चयन प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों से उचित मार्गदर्शन देने की अपील की।
महत्वाकांक्षी “जीरोपावर्टी-उत्तर प्रदेश” योजना का सर्वेक्षण
श्री राजभर ने बताया कि प्रदेश में गरीबी के स्तर को कम करने और गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए “जीरोपावर्टी-उत्तर प्रदेश” योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत 31 दिसम्बर 2024 तक शत-प्रतिशत सर्वेक्षण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। श्री राजभर ने कहा कि सर्वेक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है और इसे पूरा करने के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इस सर्वेक्षण में कोई भी गरीब परिवार छूट न जाए और सभी परिवारों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे।
योजना के तहत चिन्हित परिवारों को गरीबों के लिए उपलब्ध सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा, जैसे कि आवास, शिक्षा, चिकित्सा, भोजन, वस्त्र, और सतत् आय की व्यवस्था। श्री राजभर ने कहा कि इन योजनाओं को लागू करने में सरकारी फंड के साथ-साथ सीएसआर फंड की भी मदद ली जाएगी ताकि गरीबों की स्थिति में सुधार लाया जा सके।
चिन्हित परिवारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का लक्ष्य
श्री राजभर ने कहा कि प्रदेश में गरीबी का समाधान बहुआयामी प्रक्रिया है। इसके लिए योजनाओं को एकीकृत किया जाएगा और विशेष रूप से उन परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो कच्चे मकानों में रहते हैं, जिनके पास भूमि नहीं है, और जो दिहाड़ी मजदूरी पर निर्भर हैं। सर्वेक्षण में चिन्हित परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी और उनकी स्थिति में सुधार के लिए कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत, गरीब परिवारों के चयन में आवासहीन, भूमिहीन और दैनिक मजदूरी करने वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन परिवारों का सर्वेक्षण मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जा रहा है। प्रत्येक परिवार का आधार, बैंक खाता और फोटोग्राफ मोबाइल ऐप पर अपलोड किया जाएगा, ताकि सत्यापन प्रक्रिया भी आसानी से की जा सके।
सर्वेक्षण प्रक्रिया की पारदर्शिता
सर्वेक्षण का कार्य पंचायत सहायकों, रोजगार सेवकों, बीसी सखियों, एस.एच.जी. आदि द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मॉप-अप मोबाइल ऐप का उपयोग किया जा रहा है, जो प्रत्येक परिवार के चयन और सत्यापन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा। इसके बाद, परिवारों का चयन ग्राम पंचायत समिति के द्वारा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचा जा सके। सभी चयनित परिवारों की सूची सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शित की जाएगी ताकि सामान्य जन इसे देख सकें और कोई आपत्ति उठाई जा सके।
पंचायतीराज मंत्री का पंचायत सहायकों से संवाद
श्री राजभर ने पंचायत सहायकों से अपील की कि वे इस योजना के सफल क्रियान्वयन में सक्रिय भागीदारी निभाएं। पंचायत सहायकों की भूमिका इस योजना में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वे अपने-अपने गांवों के निवासी होते हैं और गांव के निर्धनतम परिवारों की स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। उन्होंने पंचायत सहायकों से कहा कि इस योजना के तहत गरीब परिवारों को लाभ दिलाने में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने पंचायत सहायकों की समस्याओं का समाधान भी किया और उनके मानदेय भुगतान के बारे में निर्देश दिए कि अगले 15 दिनों के भीतर सभी लंबित भुगतान सुनिश्चित किए जाएं।
इस बैठक में श्री राजभर ने यह स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और सभी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए हर स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने प्रदेश को गरीबी मुक्त बनाने के लिए एक ठोस योजना बनाई है, जिसमें प्रत्येक पंचायत और ग्राम स्तर पर कार्य किया जा रहा है। अब यह अधिकारियों और पंचायत सहायकों की जिम्मेदारी है कि वे इस उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में अपना योगदान दें।
बैठक में अन्य उपस्थित अधिकारी
इस बैठक में पंचायतीराज निदेशक अटल कुमार राय, अपर निदेशक राजकुमार, संयुक्त निदेशक आर0एस0 चौधरी, उप निदेशक ए0के0 शाही, योगेन्द्र कटियार, राघवेन्द्र कुमार द्विवेदी, एस0एन0 सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।


































