
- उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित।
- आयुक्त जी.एस. प्रियदर्शी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश दिए।
- प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत पात्र व्यक्तियों का चयन में सतर्कता बरतने का निर्देश।
- मनरेगा और अन्य योजनाओं का संचालन गाइडलाइंस के अनुसार सुनिश्चित करने की सलाह दी गई।
- योजनाओं के समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
लखनऊ, 10 जनवरी 2025: उत्तरप्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशानुसार ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा और अनुश्रवण की प्रक्रिया को और तेज़ किया गया है। इसी क्रम में आज लखनऊ स्थित योजना भवन में आयुक्त, ग्राम्य विकास विभाग श्री जी.एस. प्रियदर्शी की अध्यक्षता में समस्त मुख्य विकास अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति, चुनौतियों और सुधार की दिशा पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में प्रमुख योजनाओं की समीक्षा:
बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, मनरेगा, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, सोशल ऑडिट के साथ-साथ कृषि एवं उद्यान विभाग से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत नए पात्र लोगों के चयन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया गया। आयुक्त जी.एस. प्रियदर्शी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस योजना के अंतर्गत कोई भी पात्र व्यक्ति छूटने नहीं चाहिए और अपात्रों का चयन कतई नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पात्रता के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए, ताकि योजना का वास्तविक लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे।
मनरेगा योजना के अंतर्गत होने वाले कार्यों की समीक्षा करते हुए आयुक्त ने मनरेगा कन्वर्जेंस से जुड़े कार्यों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा सहित अन्य विकासोन्मुखी योजनाओं का संचालन पूरी तरह से निर्धारित गाइडलाइंस के अनुसार किया जाए। विभाग के निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सभी अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी गई।
आयुक्त प्रियदर्शी ने यह भी कहा कि राज्य के विकास कार्यों में पारदर्शिता और कार्यों की गति को बढ़ाना बेहद जरूरी है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे गांवों में विकास कार्यों के कार्यान्वयन के दौरान पारदर्शिता बनाए रखें और योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चल रही योजनाओं की भी समीक्षा की गई। आयुक्त ने इन योजनाओं के सही क्रियान्वयन के लिए सभी अधिकारियों से न केवल समयबद्ध कार्य निष्पादन की अपेक्षा की, बल्कि गुणवत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के नए रास्ते खुलेंगे, जो राज्य के समग्र विकास में योगदान करेंगे।
सोशल ऑडिट और पारदर्शिता:
बैठक के दौरान सोशल ऑडिट के महत्व पर भी चर्चा हुई। आयुक्त जी.एस. प्रियदर्शी ने कहा कि विकास कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखना और उनके सही क्रियान्वयन की निगरानी के लिए सोशल ऑडिट एक अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि सोशल ऑडिट के माध्यम से योजनाओं के संचालन में कोई भी खामियां या भ्रष्टाचार की घटनाएं सामने आएंगी, जिन्हें तुरंत सही किया जा सकेगा।
निर्देश और आगामी कार्य:
बैठक के दौरान आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी योजनाओं की प्रगति को नियमित रूप से मॉनिटर करें और किसी भी प्रकार की देरी या व्यवधान को जल्द से जल्द दूर करें। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी योजनाओं की रिपोर्ट समय-समय पर भेजी जाए और किसी भी समस्या को तुरंत हल किया जाए।
आयुक्त ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन और समयबद्ध निष्पादन राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि इन योजनाओं से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे का विकास होगा, बल्कि लोगों की जीवनशैली में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
आखिरकार, इस समीक्षा बैठक का उद्देश्य केवल योजनाओं की प्रगति की जांच करना नहीं था, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि सभी योजनाओं का लाभ उन लोगों तक पहुंचे, जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, और राज्य के ग्रामीण इलाकों में सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिले।