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विश्व एड्स दिवस: एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सामाजिक एकता पर जोर

AIDS
  • जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार का संदेश: एड्स के प्रति समाज में फैली गलत धारणाओं को खत्म करने के लिए सामूहिक जागरूकता आवश्यक।
  • मुख्य आकर्षण: एचआईवी संक्रमित महिलाओं की रैंप वॉक और नौनिहाल बच्चों की डांस परफॉर्मेंस।
  • जागरूकता कार्यक्रम: नुक्कड़ नाटक, गाने, फैशन शो और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी देने वाले स्टॉल।
  • राज्यव्यापी अभियान: जिलों में रैलियां, सेमिनार, स्लोगन लेखन और एड्स जागरूकता कैंप आयोजित।
  • सहयोगी संस्थाओं का योगदान: सीफॉर, हिंदुस्तान लेटेक्स और अन्य संगठनों की सक्रिय भागीदारी।

लखनऊ, 1 दिसंबर 2024: एड्स, जो कि एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी द्वारा लखनऊ के जनेश्वर मिश्रा पार्क में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने इस कार्यक्रम में कहा कि एड्स जैसी बीमारियों के प्रति समाज में कई गलत धारणाएं फैली हुई हैं, जिन्हें सामूहिक जागरूकता और सामाजिक एकता के माध्यम से ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि एड्स से पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार आवश्यक है और इस दिशा में सरकार एवं समाज को मिलकर कार्य करना होगा।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष की थीम ‘टेक द राइट पाथ’ है, जो यह संदेश देती है कि एड्स से बचाव के लिए सही जानकारी और सतर्कता बेहद जरूरी है। उन्होंने उच्च जोखिम वाले समूहों जैसे ट्रांसजेंडर, सेक्स वर्कर और एचआईवी से प्रभावित अन्य वर्गों के लिए जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि हमें एड्स पीड़ितों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना चाहिए और उनके साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए।

कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण

इस अवसर पर एचआईवी संक्रमित महिलाओं द्वारा रैंप वॉक मुख्य आकर्षण रही। आत्मविश्वास से भरी इन महिलाओं ने दर्शकों को संदेश दिया कि एड्स से ग्रसित व्यक्ति भी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उनके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। दर्शकों ने इस पहल की जमकर सराहना की।

इसके अलावा, नौनिहाल बच्चों द्वारा प्रस्तुत डांस परफॉर्मेंस ने सभी का दिल जीत लिया। बच्चों ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से एड्स के प्रति सकारात्मक सोच और सहानुभूति का संदेश दिया। कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक, गाने, डांस, और फैशन शो के माध्यम से एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया।

एमिटी स्कूल की छात्राओं ने एड्स से बचाव के उपायों पर चर्चा की और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के सुझाव दिए। कार्यक्रम के दौरान एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें एसटीआई, एआरटी, टीआई, ओएसटी, और टीबी-एचआईवी से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई। प्रदर्शनी में लगाए गए स्टॉलों ने दर्शकों को एड्स की रोकथाम और उपचार के संबंध में जागरूक किया।

राज्यव्यापी जागरूकता अभियान

उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी एड्स जागरूकता अभियान का व्यापक आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला क्षय रोग अधिकारी के नेतृत्व में रैलियां, सेमिनार, नुक्कड़ नाटक और पोस्टर प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
कॉलेजों में रेड रिबन क्लबों के माध्यम से युवाओं को एड्स के प्रति जागरूक किया गया। स्लोगन लेखन और समूह संवाद जैसे कार्यक्रमों के जरिए युवाओं को इस मुद्दे पर जानकारी दी गई।

सहयोगी संस्थाओं का योगदान

कार्यक्रम में हिंदुस्तान लेटेक्स फैमिली प्लानिंग प्रमोशन ट्रस्ट, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर), हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया, और हेल्पिंग यूथ फाउंडेशन जैसी सहयोगी संस्थाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई। इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने जागरूकता फैलाने के लिए अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

जिलाधिकारी ने किया सामूहिक प्रयास का आह्वान

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने सभी सामाजिक संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों और स्थानीय समुदायों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि एड्स को खत्म करने के लिए समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर काम करना होगा।

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