
- अधिगृहीत ज़मीन पर कब्जे की कोशिश: हरिहरपुर गाँव में खसरा नंबर 329, 330 और 331 पर अवैध बाउंड्री वॉल का निर्माण।
- योगी सरकार की नीति को चुनौती: यह मामला भूमाफ़िया मुक्त प्रदेश के अभियान पर सवाल उठाता है।
- डीपीएस के पीछे अवैध निर्माण: अवध विहार चौकी क्षेत्र के हरिहरपुर में अधिगृहीत ज़मीनों पर कब्जे और निर्माण कार्य बढ़ते जा रहे हैं।
- शासन-प्रशासन की बड़ी लापरवाही: बड़ी संख्या में ज़मीनों पर कब्ज़े के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही।
- बाबूलाल पुत्र इंद्रराज ने 2010 में पीड़ित रोशन सिंह से चार लाख रुपये वसूले।
- पीड़ित ने अवैध कब्जा रोंकने के लिए सुशांतगोल्फ सिटी थाने की पुलिस, प्रशासन और यूपी आवास परिषद से मदद मांगी।

लखनऊ, 2 दिसम्बर 2024: राजधानी लखनऊ के सदर तहसील क्षेत्र के हरिहरपुर गाँव में ज़मीन क़ब्ज़े का मामला गहराता जा रहा है। सुशांत गोल्फ सिटी के अवध विहार चौकी क्षेत्र में डीपीएस (दिल्ली पब्लिक स्कूल) के पीछे हरिहरपुर गाँव में प्राइमरी स्कूल के पास स्थित खसरा नंबर 329, 330 और 331 पर भूमाफ़ियाओं द्वारा एक सप्ताह से बाउंड्री वॉल बनाकर ज़बरन क़ब्ज़े की कोशिश की जा रही है। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा 2008 में अधिगृहीत की गई इस भूमि पर हो रहे अवैध निर्माण को लेकर पीड़ित रोशन सिंह ने स्थानीय पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और यूपी आवास एवं विकास परिषद के ज़िम्मेदारों को शिकायती पत्र देकर मदद की गुहार लगाई है।
अधिगृहीत भूमि पर कब्जे की कोशिश

पीड़ित ने शिकायत में बताया कि यह ज़मीन 2008 में उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा अधिग्रहीत की जा चुकी है। इसके बावजूद विपक्षी बाबूलाल (पुत्र इंद्रराज) ने 2010 में इसी ज़मीन के लिए उनसे चार लाख रुपये ले लिए और अब इसे किसी तीसरे पक्ष को बेचकर ज़बरदस्ती बाउंड्री वॉल बनाकर कब्ज़े का प्रयास कर रहा है।
हरिहरपुर में अवैध कब्जों की बाढ़

हरिहरपुर गाँव, जो डीपीएस (दिल्ली पब्लिक स्कूल) के पीछे स्थित है, में यूपी आवास एवं विकास परिषद द्वारा अधिगृहीत ज़मीनों की हालत बेहद खराब है। अधिकतर भूखंडों पर अवैध कब्जे हो चुके हैं और बहुमंज़िला इमारतें खड़ी कर दी गई हैं। वहीं, जो भूखंड बचे हुए हैं, उनमें भी भूमाफ़ियाओं द्वारा जबरन निर्माण कार्य के माध्यम से कब्ज़ा करने की कोशिश जारी है।
शिकायत और कार्रवाई की मांग

पीड़ित ने उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद से अपील की है कि वह न केवल उनके मामले में हस्तक्षेप करें, बल्कि हरिहरपुर में अधिगृहीत ज़मीनों पर हो रहे अवैध कब्जों को भी मुक्त करवाने की कार्रवाई करें। पीड़ित ने स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की है।
प्रशासन की लापरवाही और भूमाफ़ियाओं के बढ़ते हौसले
बड़े पैमाने पर हो रही इन अनियमितताओं ने प्रशासन और यूपी आवास एवं विकास परिषद की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकारी अधिग्रहण के बावजूद हो रहे इन क़ब्ज़ों ने न केवल कानून-व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि योगी सरकार की भूमाफ़िया मुक्त प्रदेश की मंशा को भी ठेस पहुंचाई है।
हरिहरपुर गाँव का यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और भूमाफ़िया के गठजोड़ का एक गंभीर उदाहरण है। यह ज़रूरी है कि यूपी आवास एवं विकास परिषद और पुलिस प्रशासन त्वरित कार्रवाई करें। न केवल पीड़ित रोशन सिंह को न्याय मिले, बल्कि सरकारी ज़मीनों को अवैध कब्ज़े से मुक्त कर संरक्षित किया जा सके।