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रामायण मेला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश: समाज को जोड़ने और आदर्श स्थापित करने की प्रेरणा

रामायण मेला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश: समाज को जोड़ने और आदर्श स्थापित करने की प्रेरणा
  • 500 वर्षों का समानता का संदर्भ: बाबर के सिपहसालार, वर्तमान बांग्लादेश की घटनाएं और सामाजिक विघटन के प्रयासों का डीएनए समान है।
  • रामायण के आदर्श: श्रीराम के आदर्शों से प्रेरणा लेकर सामाजिक एकता को मजबूत करना होगा।
  • अयोध्या की महत्ता: अयोध्या धाम को वैश्विक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नगरी के रूप में पुनर्जीवित किया जा रहा है।
  • जातीय राजनीति पर प्रहार: जातीय संगठनों द्वारा समाज को तोड़ने के प्रयासों को विफल करना आवश्यक है।
  • विश्व के लिए मार्गदर्शक: अयोध्या ने हमेशा मानवता और विश्व कल्याण का मार्ग दिखाया है।

अयोध्या/लखनऊ, 5 दिसंबर 2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामकथा पार्क में 43वें रामायण मेला का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और समाज को जोड़ने की दिशा में रामायण का विशेष योगदान है। उन्होंने कहा कि 500 वर्ष पहले बाबर के सिपहसालार द्वारा किए गए कार्य और वर्तमान में बांग्लादेश में हो रही घटनाओं की प्रकृति और डीएनए समान हैं। उन्होंने आगाह किया कि ऐसे विघटनकारी तत्व समाज को तोड़ने और आपसी एकता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन तत्वों की संपत्तियां कई देशों में हैं, और संकट के समय ये भाग जाएंगे, लेकिन समाज को बिखेरने का प्रयास कर जाएंगे।

सामाजिक एकता का महत्व

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भगवान श्रीराम ने पूरे भारत को जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट किया और एकता का संदेश दिया। सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि यदि भारत ने हमेशा जोड़ने के कार्य को प्राथमिकता दी होती, तो देश कभी गुलाम नहीं होता। उन्होंने कहा कि विघटनकारी तत्वों की साजिशों के कारण समाज में फूट पड़ी और तीर्थस्थलों की पवित्रता भी नष्ट हुई।

अयोध्या: विश्व के लिए प्रेरणास्थल

मुख्यमंत्री ने अयोध्या को विश्व कल्याण और मानवता का मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम अब आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी के रूप में विश्व स्तर पर अपनी नई पहचान बना रहा है। 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ एक नया अध्याय शुरू हुआ है। उन्होंने अयोध्या में शोध और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

प्रभु राम के आदर्शों का अनुसरण करने की प्रेरणा, जातीय राजनीति पर प्रहार

मुख्यमंत्री ने रामायण के आदर्शों को अपनाने की बात करते हुए कहा कि जब तक समाज में भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण और भगवान शिव के प्रति आस्था रहेगी, तब तक भारत की एकता और अखंडता को कोई चुनौती नहीं दे सकेगा। उन्होंने कहा कि श्रीराम ने समाज को न्याय और धर्म के आदर्शों पर चलने का मार्ग दिखाया है। योगी आदित्यनाथ ने जातीय संगठनों और विघटनकारी राजनीति पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज के समय में जातीय संगठनों द्वारा सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न किया जा रहा है। ऐसे समय में भगवान राम और निषादराज की मित्रता को पुनर्जीवित करने और उनके आदर्शों का अनुसरण करने की आवश्यकता है।

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