
- रामलला का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 11 जनवरी 2025 को पौष शुक्ल द्वादशी पर होगा।
- भक्तों ने अब तक 940 किलो चांदी भेंट की, जिसकी 90-98% शुद्धता पाई गई।
- प्रशिक्षित वैदिक पुजारियों को रामलला की सेवा के लिए नियुक्त किया गया है।
- 3000 वर्ग मीटर क्षेत्र में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अपोलो हॉस्पिटल का निर्माण होगा।
- सभी 18 मंदिरों की आरती का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाएगा।
अयोध्या/लखनऊ, 26 नवम्बर 2024: श्री राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव इस बार 11 जनवरी 2025 को पौष शुक्ल द्वादशी के पावन अवसर पर आयोजित किया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के बाद महासचिव चंपत राय ने इस आयोजन की जानकारी दी। यह आयोजन पिछले वर्ष 22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्ठा के क्रम को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है।
महत्वपूर्ण निर्णय और तैयारियां
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। आयोजन के लिए 5 दिनों की योजना भी बनाई जा सकती है। महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर की साज-सज्जा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
भक्तों की भेंट और वैदिक पुजारी चयन
रामलला के प्रति भक्तों की आस्था का यह आलम है कि अब तक 940 किलो चांदी भेंट की जा चुकी है। रैंडम सैंपल परीक्षण में इसकी शुद्धता 90-98% पाई गई है। इसके अलावा, रामलला की सेवा के लिए प्रशिक्षित वैदिक पुजारियों का चयन हो चुका है। ये पुजारी 18 अलग-अलग मंदिरों में बारी-बारी से सेवा देंगे।
स्वास्थ्य सुविधाएं और आधुनिक निर्माण कार्य
श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए 3000 वर्ग मीटर क्षेत्र में अत्याधुनिक अपोलो हॉस्पिटल का निर्माण प्रस्तावित है। वहीं, जन्मभूमि पथ पर 600 मीटर लंबी और 9 मीटर चौड़ी कैनोपी बनाई जाएगी, जिसका निर्माण एलएनटी और सीपीडब्ल्यूडी द्वारा किया जा रहा है।
प्रेक्षा गृह और सीधा प्रसारण
महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यूसुफ आरा मशीन के पास 70 एकड़ भूमि पर 500 लोगों की क्षमता वाला प्रेक्षा गृह और विश्राम गृह बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सभी 18 मंदिरों की आरती का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर दिखाने के लिए भी समझौता हो चुका है।
बैठक में लिए गए निर्णय
इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता महंत नृत्य गोपाल दास ने की। बैठक में मंदिर निर्माण के अंतिम चरण और भव्य साज-सज्जा पर गहन चर्चा की गई। लगभग 5 घंटे चली इस बैठक में राम जन्मभूमि परिसर को दिव्य और भव्य स्वरूप देने की योजनाएं तैयार की गईं।