
- महामना मालवीय मिशन विधिक प्रकोष्ठ द्वारा संगोष्ठी का आयोजन
- संगोष्ठी में संविधान की सफलताओं, संघर्षों और चुनौतियों पर चर्चा की गई।
- न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने भारतीय संविधान को विश्व का सर्वोत्तम संविधान बताया।
- कार्यक्रम में पूर्व न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता और विधिक विशेषज्ञ शामिल हुए।
- शासकीय अधिवक्ता डॉ. वी.के. सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया और सेवा निवृत्त जिला जज ने अध्यक्षता की।
- भारतीय संविधान को जन-जन तक पहुंचाने और जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया।

लखनऊ: महामना मालवीय मिशन के विधिक प्रकोष्ठ ने भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर “भारतीय संविधान के 75 वर्ष: सफलताएं, संघर्ष और चुनौतियां” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया। यह कार्यक्रम गोमती नगर स्थित महामना मालवीय विद्या इंटर कॉलेज में आयोजित हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति (से. नि.) प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अध्यक्ष- उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने इस अवसर पर संविधान की महत्ता पर विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि का संबोधन
न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में भारतीय संविधान की विशेषताओं और चुनौतियों पर चर्चा की।
• संविधान निर्माताओं ने विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों का अध्ययन कर इसे तैयार किया।
• भारतीय संविधान को विश्व का सर्वोत्तम संविधान बताया।
• उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में “समाजवाद” और “पंथनिरपेक्षता” को 42वें संशोधन के बाद जोड़ा गया।
• संविधान सभा में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जातीय व्यवस्था को “राष्ट्र-विरोधी” बताया था।
• भारतीय संविधान केवल एक वैधानिक दस्तावेज नहीं, बल्कि जन-जन की आवाज है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता और संचालन
संगोष्ठी की अध्यक्षता सेवा निवृत्त जिला जज ने की, जबकि कार्यक्रम का संचालन शासकीय अधिवक्ता और मालवीय मिशन विधिक प्रकोष्ठ के सचिव डॉ. वी.के. सिंह ने किया।
• सेवा निवृत्त जिला जज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
• संचालन सचिव डॉ. वी.के. सिंह ने किया।
• उन्होंने संविधान के नीति-निर्देशक तत्वों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
• संगोष्ठी में विधिक और सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ।
• संचालन में संविधान के 75 वर्षों की यात्रा का सार प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथि
इस अवसर पर न्यायिक और विधिक जगत के कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने कार्यक्रम में शिरकत की।
• पूर्व ज़िला जज एवं मालवीय मिशन लखनऊ के अध्यक्ष दीनानाथ श्रीवास्तव ने संविधान की लोकतांत्रिक संरचना पर विचार साझा किए।
• अपर महाधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह और वरिष्ठ अधिवक्ता देश रतन सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किए, अनिल प्रताप सिंह ने संविधान के मूल अधिकारों पर विशेष ज़ोर दिया।
• अपर महाधिवक्ता विमल श्रीवास्तव ने संविधान की अद्यतन प्रासंगिकता पर चर्चा की।
• उच्च न्यायालय के राज्य विधि अधिकारी रवितेश प्रताप सिंह सोमवंशी एवं ब्रजमोहन सिंह एवं राज्य लोक सेवा ट्राइब्यूनल के अधिवक्ता पंकज सिंह, के.पी.सिंह, राजू बेदी अधिकारी आदि अधिवक्तागण उपस्थित रहे।
• गणमान्य अतिथियों ने संविधान को एक “जीवंत दस्तावेज” बताया।
महामना मालवीय मिशन विधिक प्रकोष्ठ का योगदान
महामना मालवीय मिशन विधिक प्रकोष्ठ भारतीय संविधान की उत्कृष्टता और इसके महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
• प्रकोष्ठ नियमित रूप से विधिक और सामाजिक मुद्दों पर कार्यक्रम आयोजित करता है।
• संविधान दिवस जैसे आयोजनों के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाती है।
• यह मंच विधिक विशेषज्ञों और जनता के बीच संवाद का कार्य करता है।
• संविधान के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता दी जाती है।
• संगठन का उद्देश्य भारतीय लोकतंत्र को सशक्त बनाना है।