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चित्रकूट की बेटी प्रिया सिंह बनीं जज: बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा (पीसीएस-जे) में 35वीं रैंक, चौहान परिवार का नाम किया रोशन

  • चित्रकूट की प्रिया सिंह ने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा 2024 में यह रैंक हासिल की।
  • प्रिया के पिता मुनेन्द्र सिंह चौहान इंडियन आर्मी से रिटायर्ड सूबेदार हैं।
  • प्रिया ने अपनी स्कूली शिक्षा और परीक्षा की तैयारी प्रयागराज में की।
  • प्रिया की सफलता से उनके परिवार और जिले में खुशी का माहौल है।
  • उनकी उपलब्धि समाज में बेटियों की शिक्षा के महत्व को दिखाती है।

लखनऊ, 28 नवम्बर 2024: उत्तरप्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के चित्रकूट जिले के सरधुआ थाना क्षेत्र के “खोंपा गाँव की बेटी प्रिया सिंह” ने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 35वीं रैंक हासिल की। भारतीय सेना के सूबेदार (से.नि.) मुनेन्द्र सिंह चौहान की बड़ी बेटी प्रिया ने अपनी सफलता से न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे जिले और समाज का मान बढ़ाया है।

परिवार और शिक्षा का सफर

प्रिया सिंह का परिवार भारतीय सेना से जुड़ा रहा है, जिससे अनुशासन और सेवा भावना उनके जीवन का हिस्सा बनी। उनके पिता, मुनेन्द्र सिंह चौहान, इंडियन आर्मी में सूबेदार पद से अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त हुए। माता गृहणी हैं। तीन बच्चों में सबसे बड़ी प्रिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी तक प्रयागराज में रहकर पूरी की। सेना से जुड़े पिता और मां के मार्गदर्शन ने प्रिया को अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहने की प्रेरणा दी।

चित्रकूट के खोंपा गाँव से न्यायपालिका तक का सफर

चित्रकूट जनपद के खोंपा गाँव जैसे छोटे क्षेत्र से निकलकर न्यायपालिका में कदम रखना प्रिया सिंह की दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत का परिणाम है। उन्होंने लगातार परिश्रम करते हुए बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा (पीसीएस-जे) में सफलता हासिल की। उनकी इस उपलब्धि ने समाज के उन परिवारों को एक नई दिशा दी है, जो बेटियों को शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित करने में हिचकिचाते हैं।

सफलता का असर और प्रेरणा

प्रिया की इस सफलता ने न केवल चौहान परिवार, बल्कि पूरे चित्रकूट जिले को गर्व महसूस कराया है। उनके परिणाम के बाद से गाँव और जिले में खुशी का माहौल है। यह सफलता उन बेटियों और उनके माता-पिता के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी और समाज की सोच के कारण बड़े सपने देखने से डरते हैं। प्रिया सिंह की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सच्ची मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

समाज और क्षेत्र की प्रतिक्रियाएं

प्रिया की सफलता ने क्षेत्रीय लोगों और युवाओं के मन में नई उम्मीदें जगाई हैं। खोंपा गाँव से लेकर पूरे चित्रकूट में जश्न का माहौल है। चौहान परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

बेटियों के लिए नई प्रेरणा

आज प्रिया सिंह का नाम उन लड़कियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुका है, जो बड़े सपने देखने की हिम्मत तो रखती हैं, लेकिन उन्हें साकार करने के लिए समर्थन नहीं मिल पाता। प्रिया की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बेटियां हर क्षेत्र में अपने परिश्रम से इतिहास रच सकती हैं।

प्रिया सिंह को बधाई और भविष्य की शुभकामनाएं

चित्रकूट की यह बेटी अब न्यायपालिका में अपने योगदान से समाज और देश का नाम रोशन करने के लिए तैयार है। उनके माता-पिता और पूरे क्षेत्र को प्रिया पर गर्व है। चौहान परिवार और क्षेत्रवासियों की ओर से प्रिया सिंह को उनकी इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं।

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