HomeDaily Newsकेपटाउन: साउथ अफ्रीका से क्यों है ट्रंप नाराज? G20 सम्मेलन का किया बहिष्कार,...

केपटाउन: साउथ अफ्रीका से क्यों है ट्रंप नाराज? G20 सम्मेलन का किया बहिष्कार, लगाए कई प्रतिबंध

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साउथ अफ्रीका पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि साउथ अफ्रीका में गोरे किसानों का ‘नरसंहार’ (genocide) हो रहा है, जिसे दुनिया से छिपाया जा रहा है। ट्रंप ने न केवल इस मुद्दे को उठाया, बल्कि साउथ अफ्रीका की विदेश नीति, खासकर इजरायल के खिलाफ उसके रुख और ईरान के साथ बढ़ते रिश्तों को भी निशाना बनाया। इसके चलते ट्रंप ने साउथ अफ्रीका पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा दी हैं।

‘गोरे किसानों का नरसंहार हो रहा है’

ट्रंप का कहना है कि अश्वेत बहुल साउथ अफ्रीका की सरकार गोरे किसानों के खिलाफ नस्लवादी रवैया अपना रही है। उनके मुताबिक, इस वजह से गोरे किसानों की हत्याएं हो रही हैं। दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उसका कहना है कि देश में हिंसक अपराध की समस्या है, लेकिन ये हत्याएं नस्लीय आधार पर नहीं हो रही हैं। इस हफ्ते ट्रंप प्रशासन ने 50 से ज्यादा गोरे दक्षिण अफ्रीकियों को अमेरिका में शरण दी। ट्रंप ने इन्हें अफ्रीकन समुदाय का हिस्सा बताया और कहा कि ये लोग अपनी अश्वेत सरकार से उत्पीड़न और नस्लीय हिंसा का शिकार हैं।

‘ट्रंप को गलत जानकारी दी जा रही है’

साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने इन दावों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ अफ्रीकी लॉबी ग्रुप और अमेरिका के रूढ़िवादी (conservative) कमेंटेटर ट्रंप को गलत जानकारी दे रहे हैं। ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका की उस कार्रवाई को भी आड़े हाथों लिया, जिसमें उसने इजरायल के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत (International Court of Justice) में नरसंहार का केस दायर किया। यह केस 2024 की शुरुआत में दायर हुआ था, जिसमें साउथ अफ्रीका ने इजरायल पर गाजा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार का आरोप लगाया।

साउथ अफ्रीका पर लगाई गईं कई पाबंदियां

साउथ अफ्रीका के इस कदम ने उसे वैश्विक स्तर पर फिलिस्तीनी समर्थन का बड़ा चेहरा बना दिया, लेकिन अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के साथ इसके रिश्ते खराब हो गए। ट्रंप ने 7 फरवरी को एक कार्यकारी आदेश (executive order) जारी कर साउथ अफ्रीका पर पाबंदियां लगाईं और सारी अमेरिकी सहायता रोक दी। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने अमेरिका और उसके सहयोगी इजरायल के खिलाफ ‘आक्रामक रुख’ अपनाया है। ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि दक्षिण अफ्रीका का यह कदम हमास को समर्थन दिखाता है। अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन जैसे देश हमास को आतंकवादी संगठन मानते हैं।

साउथ अफ्रीका के ईरान से रिश्तों पर चिढ़े ट्रंप

साउथ अफ्रीका लंबे समय से फिलिस्तीन का समर्थक रहा है और इजरायल की आलोचना करता रहा है। हालांकि, उसने हमास को समर्थन देने से इनकार किया है। लेकिन कुछ घटनाओं ने इस दावे को कमजोर किया, जैसे 2023 में जब पूर्व दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के पोते ने हमास के अधिकारियों को दक्षिण अफ्रीका में मेहमान के तौर पर बुलाया था। ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश में साउथ अफ्रीका पर ईरान के साथ बढ़ते व्यापारिक, सैन्य और परमाणु संबंधों का भी आरोप लगाया। दक्षिण अफ्रीका ने स्वीकार किया कि उसके ईरान के साथ राजनयिक रिश्ते हैं, लेकिन परमाणु हथियारों को लेकर कोई समझौता नहीं है।

G20 का बहिष्कार कर रहा है अमेरिका

साउथ अफ्रीका ने कहा कि वह ईरान को बिजली के लिए परमाणु रिएक्टर बनाने के एक व्यापारिक अनुबंध के लिए बोली लगाने की इजाजत दे रहा है, जिसमें अन्य देश भी शामिल हैं। साउथ अफ्रीका के एक गैर-लाभकारी शोध संस्थान, इंस्टीट्यूट फॉर सिक्योरिटी स्टडीज ने कहा कि ट्रंप ईरान के साथ दक्षिण अफ्रीका के रिश्तों पर ओवररिएक्ट कर रहे हैं। लेकिन उसने यह भी कहा कि साउथ अफ्रीका को अपने रिश्तों की वजह से आलोचना के लिए तैयार रहना चाहिए। बता दें कि इस साल साउथ अफ्रीका पहली बार G20 की अध्यक्षता कर रहा है, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसका बहिष्कार करने का फैसला किया है।

अमेरिका के बहिष्कार से दक्षिण अफ्रीका को नुकसान

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फरवरी में जोहान्सबर्ग में हुई G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। ट्रंप प्रशासन ने साउथ अफ्रीका के G20 आयोजनों से जुड़ा सारा सहयोग भी निलंबित कर दिया। एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि ट्रंप साउथ अफ्रीका के G20 एजेंडे का समर्थन नहीं करते। हालांकि, इसका अमेरिका की अगले साल की G20 अध्यक्षता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस बहिष्कार से दक्षिण अफ्रीका के उन मुद्दों को नुकसान पहुंचेगा, जिन्हें उसने अपनी अध्यक्षता में प्राथमिकता दी थी।

साउथ अफ्रीका करेगा रिश्तों को सुधारने की कोशिश

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने ट्रंप की आलोचना से बचते हुए कहा कि वह अगले हफ्ते व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात करेंगे। उनका मकसद दोनों देशों के रिश्तों को ‘रीसेट’ करना है। रामफोसा का कहना है कि वह ट्रंप को सही जानकारी देकर गलतफहमियां दूर करने की कोशिश करेंगे। ट्रंप का दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सख्त रवैया न केवल गोरे किसानों के मुद्दे से जुड़ा है, बल्कि उसकी विदेश नीति, खासकर इजरायल, हमास और ईरान को लेकर भी है। इन विवादों ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, और अब यह देखना बाकी है कि रामफोसा की ट्रंप से मुलाकात क्या रंग लाती है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments