
- लंबित वादों की समीक्षा: जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने तहसीलों में 5 और 3 वर्ष से अधिक के लंबित वादों का निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
- IGRS प्रकरणों पर सख्ती: IGRS और मुख्यमंत्री संदर्भ प्रकरणों में लापरवाही पर विभागीय कार्यवाही करने की चेतावनी।
- प्रमाण पत्रों की प्राथमिकता: आय, जाति, निवास, और हैसियत प्रमाण पत्रों को समयबद्ध तरीके से जारी करने के निर्देश।
- वसूली प्रगति की समीक्षा: विविध देय में 62.10%, बैंक देय में 76.33%, और विद्युत देय में 64.65% की वसूली सुनिश्चित।
- पारदर्शिता और SOP तैयारी: धारा 24 और धारा 34 के लिए SOP तैयार करने की जिम्मेदारी एसडीएम सदर और तहसीलदार मोहनलालगंज को सौंपी गई।

लखनऊ, 3 दिसंबर 2024: कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में मासिक राजस्व कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों की स्थिति, आय-जाति-निवास प्रमाण पत्रों की प्रगति, विविध देय, बैंक देय, विद्युत देय, और IGRS प्रकरणों पर विस्तृत चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि IGRS प्रकरणों में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और लापरवाही पाए जाने पर विभागीय कार्यवाही तय है।
लंबित वादों का निस्तारण प्राथमिकता
बैठक में तहसील स्तर पर लंबित वादों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने बताया कि मलिहाबाद तहसील में 5 वर्ष से अधिक के और 3 वर्ष से अधिक के सभी वादों का शत-प्रतिशत निस्तारण सुनिश्चित किया जा चुका है। सदर तहसील में 5 वर्ष से अधिक के वाद शून्य हैं, जबकि 3 वर्ष से अधिक के केवल 11 वाद लंबित हैं। मोहनलालगंज तहसील में 5 वर्ष से ऊपर के 2 वाद और 3 वर्ष से अधिक के 3 वाद लंबित हैं। सरोजनीनगर में 5 वर्ष से ऊपर के 5 वाद और 3 वर्ष से अधिक के 62 वाद अब भी लंबित हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि माह के अंत तक 5 वर्ष और 3 वर्ष से अधिक समयावधि वाले वादों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।
न्यायालय प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के निर्देश
जिलाधिकारी ने वाद दायर करते समय सभी पक्षकारों के पते और मोबाइल नंबर दर्ज करने का आदेश दिया। धारा 24 और धारा 34 के वादों के लिए SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार करने का निर्देश दिया गया। धारा 24 के SOP की जिम्मेदारी एसडीएम सदर को और धारा 34 के लिए तहसीलदार मोहनलालगंज को सौंपी गई। पैमाइश कार्य के दौरान सभी पक्षकारों को नोटिस और फोन के माध्यम से सूचित करने का निर्देश भी दिया गया।
आय, जाति, निवास प्रमाण पत्रों की प्राथमिकता
बैठक में आय, जाति, निवास, और हैसियत प्रमाण पत्रों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि इन प्रमाण पत्रों को समय सीमा के भीतर और प्राथमिकता के आधार पर जारी किया जाए। आवश्यकता पड़ने पर मैनपावर की मांग की जा सकती है।
विविध देय और अन्य राजस्व संग्रह की स्थिति
राजस्व संग्रह की समीक्षा में बताया गया कि विविध देय के लक्ष्य का 62.10% प्राप्त किया गया है। तहसील सदर और मलिहाबाद में 62.59%, मोहनलालगंज में 51.64%, बीकेटी में 67.18%, और सरोजनीनगर में 61.95% वसूली हुई है। बैंक देय में 76.33% और विद्युत देय में 64.65% वसूली सुनिश्चित की गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन कंपनियों की RC (रिकवरी सर्टिफिकेट) 1 करोड़ रुपये से कम की है, उनकी वसूली इसी माह पूरी की जाए।
IGRS और मुख्यमंत्री संदर्भ प्रकरणों की समीक्षा
IGRS और मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत प्राप्त शिकायतों की समीक्षा में जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। समाधान दिवस पर प्राप्त शिकायतों का भी निर्धारित समय सीमा में समाधान करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि निस्तारण के बाद शिकायतकर्ताओं से कॉल करके फीडबैक लिया जाए।
शिकायत निस्तारण और सत्यापन का आदेश
जिलाधिकारी ने तहसील स्तर पर प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की निगरानी और सत्यापन के लिए विशेष निर्देश दिए। शिकायतकर्ताओं से फोन पर संपर्क करके उनकी संतुष्टि का फीडबैक लेने का भी सुझाव दिया गया।
उपस्थित अधिकारीगण
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, समस्त उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
यह बैठक प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाने और राजस्व कार्यों की प्रगति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को राजस्व कार्यों में सुचिता और जनता की संतुष्टि को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।