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उत्तरप्रदेश में राजस्व मामले: जौनपुर बना राजस्व वाद निस्तारण में प्रदेश का शीर्ष जिला, गाजीपुर और सुल्तानपुर भी अव्वल

जौनपुर बना राजस्व वाद निस्तारण में प्रदेश का शीर्ष जिला, गाजीपुर और सुल्तानपुर भी अव्वल
  • जौनपुर ने प्रदेश में हासिल किया पहला स्थान।
  • गाजीपुर और सुल्तानपुर का भी शानदार प्रदर्शन।
  • मुख्यमंत्री योगी की मॉनीटरिंग से बढ़ी निस्तारण प्रक्रिया की रफ्तार।
  • लखीमपुर खीरी, हरदोई, और बलिया भी टॉप टेन में शामिल।
  • राजस्व परिषद की रिपोर्ट में निस्तारण मामलों की स्पष्ट प्रगति।

लखनऊ, 3 दिसंबर 2024: उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत राजस्व वादों के मामलों के निस्तारण में तेजी देखी जा रही है। उनकी कड़ी मॉनीटरिंग और निर्देशों का परिणाम यह है कि नवंबर माह की राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) की रिपोर्ट में जौनपुर जिला प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहा। गाजीपुर ने दूसरा और सुल्तानपुर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। वहीं लखीमपुर खीरी, हरदोई और बलिया जैसे जिलों ने भी शीर्ष दस में अपनी जगह बनाकर प्रशंसा बटोरी है।

मुख्यमंत्री योगी की पहल से दिखा सुधार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्व विवादों के निस्तारण को लेकर लगातार जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश देते रहे हैं। उनकी मंशा है कि जनता को समय पर न्याय मिल सके और प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा दिया जा सके। सीएम योगी खुद जिलावार मामलों की समीक्षा करते हैं और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने से नहीं चूकते। इस पहल का उद्देश्य न केवल न्यायिक प्रक्रिया को गति देना है, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था को भी अधिक प्रभावी बनाना है।

जौनपुर ने रचा इतिहास, 250 मानक के सापेक्ष निपटाए 567 मामले

जौनपुर ने राजस्व मामलों के निस्तारण में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पूरे प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह के नेतृत्व में जौनपुर की पांच राजस्व न्यायालयों ने बोर्ड ऑफ रेवन्यू द्वारा निर्धारित 250 मामलों के निस्तारण के मानक को पार करते हुए 567 मामलों का निपटारा किया। यह प्रदर्शन 226.80 प्रतिशत के अनुपात में है।

जौनपुर डीएम न्यायालय ने 30 मामलों के मानक के मुकाबले 121 मामलों का निस्तारण कर 403.33 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की। वहीं, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने 50 मामलों के लक्ष्य के मुकाबले 182 मामलों का निस्तारण कर 364 प्रतिशत का प्रदर्शन किया। इसी प्रकार अन्य अधिकारियों ने भी निर्धारित मानकों को पार करते हुए उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

गाजीपुर और सुल्तानपुर ने भी मारी बाजी

गाजीपुर ने चार न्यायालयों के माध्यम से 190 मामलों के मानक के मुकाबले 251 मामलों का निस्तारण कर 132.11 प्रतिशत का प्रदर्शन किया और दूसरा स्थान प्राप्त किया। सुल्तानपुर के छह न्यायालयों ने 350 मामलों के मानक के मुकाबले 320 मामलों का निस्तारण कर 91.43 प्रतिशत का प्रदर्शन किया और तीसरे पायदान पर रहे।

लखीमपुर खीरी, हरदोई, और बलिया ने बनाई शीर्ष दस में जगह

लखीमपुर खीरी ने 197 मामलों का निस्तारण कर सातवां स्थान हासिल किया। जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने बताया कि प्रदेश के सबसे बड़े जिले के रूप में यहां सबसे अधिक राजस्व मामले दर्ज होते हैं। इसके बावजूद टीम की मेहनत और सीएम योगी के निर्देशों के कारण तेजी से निस्तारण हो रहा है।

हरदोई, बलिया, कुशीनगर और अन्य जिलों ने भी राजस्व विवादों के निस्तारण में महत्वपूर्ण प्रदर्शन किया। कुशीनगर ने 208, बलिया ने 98, हरदोई ने 205, बस्ती ने 189, सहारनपुर ने 119, और मैनपुरी ने 136 मामलों का निस्तारण किया।

सीएम योगी का उद्देश्य और आगे की योजना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता है कि प्रदेश में न्यायिक प्रक्रिया को त्वरित और पारदर्शी बनाया जाए। उनकी मंशा के अनुरूप अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मामलों के निस्तारण में और तेजी लाएं। राजस्व परिषद की रिपोर्ट के बाद जिलों में अधिकारियों के साथ विशेष बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें प्रदर्शन सुधारने के लिए नई रणनीतियां बनाई गईं।

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