
- सीएम योगी ने तीन नए कानूनों की न्याय पर आधारित संरचना पर जोर दिया।
- फॉरेंसिक साइंसेज के ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया।
- प्रदेश के सभी 1775 थानों में साइबर हेल्प डेस्क सक्रिय।
- साइबर क्राइम से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी का सकारात्मक इस्तेमाल आवश्यक।
- उत्तर प्रदेश अब दंगा मुक्त, गुंडा मुक्त और माफिया मुक्त प्रदेश।

लखनऊ, 26 नवंबर 2024 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय संविधान के अंगीकृत होने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।

यह सम्मेलन फॉरेंसिक विज्ञान एवं साइबर सुरक्षा की भूमिका पर आधारित है और 26-27 नवंबर तक चलेगा। इस अवसर पर सीएम ने फॉरेंसिक साइंसेज इंस्टीट्यूट के ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया और विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए।
नवीन आपराधिक कानूनों के साथ न्याय प्रक्रिया पर राष्ट्रीय सम्मेलन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से देश में एक जुलाई 2024 से तीन नए कानून लागू किए गए हैं:

- भारतीय न्याय संहिता 2023
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य केवल अपराध और दंड पर आधारित नहीं है, बल्कि न्याय और नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सुशासन और टेक्नोलॉजी का समावेश

मुख्यमंत्री ने टेक्नोलॉजी के सकारात्मक उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं, लेकिन साइबर अपराध जैसी चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। इनसे निपटने के लिए प्रदेश में अब तक 18 रेंज और 75 जनपदों में साइबर थाने स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में प्रदेश के सभी 1775 थानों पर साइबर हेल्प डेस्क संचालित हैं।
सीएम योगी ने प्रदेश में उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना का उल्लेख करते हुए बताया कि यहां साइबर फ्रॉड से संबंधित पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश: अपराध मुक्त प्रदेश की ओर अग्रसर

सीएम ने पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में माफिया और गुंडागर्दी का बोलबाला था। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त, गुंडा मुक्त और माफिया मुक्त प्रदेश है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने पुलिस बल में 1,54,000 से अधिक भर्तियां पारदर्शी प्रक्रिया से की हैं।
सीएम ने युवाओं से टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपराध नियंत्रण में योगदान देने की अपील की।
फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट: माफिया के कब्जे से भव्य निर्माण तक

सीएम योगी ने बताया कि जिस भूमि पर फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट का निर्माण हुआ है, उस पर पहले माफिया का कब्जा था। उनकी सरकार ने उस भूमि को माफिया से मुक्त कराया और आज वहां भव्य इंस्टीट्यूट का संचालन हो रहा है।
इस सम्मेलन ने न्याय प्रक्रिया को साइबर सुरक्षा और फॉरेंसिक विज्ञान के माध्यम से सशक्त बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सुशासन और कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही