
नई दिल्ली/लखनऊ: देश की राजधानी नई दिल्ली के एक आलीशान फाइव स्टार होटल में बैठे IIT मुंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इस तस्वीर में सोलंकी फटे हुए मोजे पहने नजर आ रहे हैं, जिसने इंटरनेट पर एक नई बहस छेड़ दी है। प्रोफेसर सोलंकी को “सौर गांधी” के नाम से भी जाना जाता है, और उनके फटे मोजों का पर्यावरण से गहरा संबंध है।
तस्वीर के वायरल होने का कारण
यह तस्वीर 25 सितंबर को इकोनॉमिक टाइम्स एनर्जी लीडरशिप समिट के दौरान ली गई, जहां सोलंकी अपने भाषण से पहले दिल्ली के हयात होटल में आराम कर रहे थे। फोटो में उनके फटे हुए मोजे साफ दिखाई दे रहे हैं, जिससे सोशल मीडिया पर उनकी काफी चर्चा हो रही है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रोफेसर सोलंकी ने कहा, “हां, मेरे मोजे फटे हुए थे। मुझे उन्हें बदलने की जरूरत है और मैं यह करूंगा। लेकिन हमें यह समझने की जरूरत है कि प्रकृति के पास सीमित संसाधन हैं।”
पर्यावरण बचाने का संदेश
प्रोफेसर सोलंकी का कहना है कि फटे मोजे पहनना पर्यावरण के प्रति उनकी जागरूकता और संसाधनों के सीमित उपयोग का प्रतीक है। 20 सालों से अधिक समय से IIT बॉम्बे के संकाय सदस्य के रूप में काम कर रहे सोलंकी सौर ऊर्जा के प्रचार और नेचर स्टेबिलिटी की वकालत करते हैं। उनके अनुसार, “फटे मोजे पहनना मेरे लिए कचरे को कम करने और संसाधनों का अधिक कुशल उपयोग करने का एक तरीका है।”
प्रोफेसर सोलंकी का पर्यावरण के प्रति योगदान
प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने अपने जीवन में पर्यावरण संरक्षण के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। वे 48,000 किमी की यात्रा कर चुके हैं और अलग-अलग देशों में जाकर पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया है। उनका मानना है कि कम संसाधनों का उपयोग करने से ही हम पर्यावरण को बचा सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस तस्वीर के वायरल होने के बाद लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोग इसे अनुशासन और जागरूकता का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ इसे जीवनशैली के रूप में अपना रहे हैं। सोलंकी के इस कदम ने एक नई सोच को जन्म दिया है कि हमें व्यक्तिगत लाभ के बजाय धरती के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।
IIT मुंबई के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी का फटे मोजे पहनने का निर्णय महज एक सामान्य घटना नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनका समर्पण और जागरूकता को दर्शाता है। उनकी यह तस्वीर केवल वायरल नहीं हो रही है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संदेश भी दे रही है कि हमें अपने संसाधनों का जिम्मेदार तरीके से उपयोग करना चाहिए।