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UPSTF ने किया अंतर्राज्यीय डीजल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, कौशाम्बी से दो गिरफ्तार

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  • एसटीएफ ने कौशांबी जिले में पेट्रोल और डीजल तस्करी के गिरोह का पर्दाफाश किया और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया।
  • पेट्रोल पंप मालिक और मैनेजर की मिलीभगत से हो रही थी तस्करी।
  • मध्य प्रदेश में ऊंचे दामों पर डीजल बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़।
  • आरोपियों के पास से 1,800 लीटर डीजल, महिंद्रा ट्रक, तीन मोबाइल फोन और पहचान पत्र बरामद हुए।
  • अंतर्राज्यीय तस्करी में प्रयुक्त महिंद्रा ट्रक और 1,800 लीटर डीजल बरामद।
  • गिरोह रिलायंस पेट्रोल पंप से सस्ते दामों पर डीजल खरीदकर मध्य प्रदेश में ऊंचे दामों पर बेचता था।
  • ट्रक में एक गुप्त टैंक बनवाकर डीजल की तस्करी की जाती थी; प्रति लीटर 6-7 रुपये का मुनाफा होता था।
  • अभियुक्तों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया; स्थानीय पुलिस और आपूर्ति विभाग आगे की कार्रवाई में जुटे हैं।

कौशाम्बी/लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 22 नवंबर 2024 को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कौशांबी जिले में डीजल तस्करी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया। गिरोह का संचालन कौशांबी के पेट्रोल पंप से किया जा रहा था। गिरोह के सदस्य सस्ते दामों पर डीजल खरीदकर मध्य प्रदेश जैसे सीमावर्ती राज्यों में ऊंचे दामों पर इसे बेचते थे। एसटीएफ ने गिरोह के सरगना और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया है।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण

गिरफ्तार अभियुक्तों में शामिल हैं:

1. दीपक कुमार, पुत्र स्व. नेकराम, निवासी ग्राम राला नयापुरवा, जनपद कौशांबी।

2. सचिन करवरिया, पुत्र मुन्ना लाल करवरिया, निवासी ग्राम सिघिया भरवारी, थाना कोखराज, जनपद कौशांबी।

दोनों अभियुक्तों को कौशांबी के महेवाघाट थाना क्षेत्र के यमुना नदी पुल के पास से गिरफ्तार किया गया।

बरामद सामग्री

एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने आरोपियों के पास से निम्नलिखित सामग्री बरामद की:

1. 1,800 लीटर हाई स्पीड डीजल और लाइट डीजल

2. महिंद्रा मैक्स ट्रक (नंबर: UP-32-XN-5976), जिसमें डीजल छिपाने के लिए विशेष टैंक बनाया गया था।

3. तीन मोबाइल फोन

4. दो आधार कार्ड और दो पैन कार्ड

गिरफ्तारी की पूरी कार्रवाई

एसटीएफ की प्रयागराज फील्ड इकाई को पेट्रोल और डीजल की अवैध तस्करी के बारे में लगातार सूचनाएं मिल रही थीं। बताया गया कि कौशांबी जिले में स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप से डीजल सस्ते दामों में खरीदा जाता है और इसे बिना किसी दस्तावेज के सीमावर्ती राज्यों, विशेष रूप से मध्य प्रदेश में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है।

इस सूचना के आधार पर एसटीएफ की टीम ने पुलिस उपाधीक्षक शैलेश प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में निरीक्षक जयप्रकाश राय के नेतृत्व में एक टीम गठित की। टीम ने विश्वसनीय सूत्रों की मदद से अभियुक्तों के मूवमेंट की जानकारी जुटाई।

22 नवंबर 2024 को सूचना मिली कि अभियुक्त मध्य प्रदेश में डीजल तस्करी के लिए कौशांबी के महेवाघाट से गुजरने वाले हैं। टीम ने स्थानीय पुलिस और जिला आपूर्ति विभाग के साथ मिलकर यमुना पुल के पास घेराबंदी की। वहां ट्रक की तलाशी ली गई तो उसमें नीचे की तरफ एक विशेष टैंक में 1,800 लीटर डीजल छिपा हुआ मिला।

गिरोह की कार्यप्रणाली

गिरफ्तार अभियुक्त दीपक कुमार ने पूछताछ में बताया कि वह अपने साथी सचिन करवरिया के साथ मिलकर यह धंधा चला रहा था।

दोनों कौशांबी के कल्याणपुर-सैनी रोड स्थित रिलायंस जियो पेट्रोल पंप से पेट्रोल पंप के मालिक घनश्याम जायसवाल उर्फ अनुज और एकाउंट मैनेजर पवन जायसवाल की मिलीभगत से डीजल कम दाम में खरीदते थे।

महिंद्रा मैक्स ट्रक में बने विशेष टैंक में डीजल लोड किया जाता था, और ऊपर अन्य सामान लाद दिया जाता था ताकि किसी को शक न हो।

ट्रक चित्रकूट के रास्ते मध्य प्रदेश ले जाया जाता था। वहां पेट्रोल पंपों पर सेटिंग के माध्यम से डीजल ऊंचे दामों पर बेचा जाता था।

इस अवैध कारोबार से प्रति लीटर 6-7 रुपये का मुनाफा होता था।

आर्थिक लाभ और आरोपियों के बयान

अभियुक्तों ने स्वीकार किया कि इस अवैध कारोबार से अब तक लाखों रुपये कमा चुके हैं। उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप के मालिक और मैनेजर की मदद से हर महीने बड़ी मात्रा में डीजल सीमावर्ती राज्यों में भेजा जाता था।

कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ महेवाघाट थाने में धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही, जिला आपूर्ति विभाग और स्थानीय पुलिस इस मामले में आगे की विधिक कार्रवाई कर रहे हैं।

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