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TWEET: अखिलेश यादव के आरोप का डॉ०राजेश्वर सिंह ने दिया जवाब, सपा शासनकाल का काला चिट्ठा किया सार्वजनिक

  • सपा प्रमुख ने भाजपा पर कसा व्यंग तो सरोजनीनगर नगर विधायक ने खोल दिया सपा सरकार का काला चिट्ठा
  • उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा: दीवार से कूदे भ्रष्ट दारोगा भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी सपा सरकार की देन
  • डॉ०सिंह ने कहा सपा सरकार की परिवारवादी नीति ने यूपी पुलिस में उगा दिया था भ्रष्टाचार का वटवृक्ष
  • उन्होंने खुलासा करते हुए बताया: CAG ने पकड़ी सपा सरकार में 97,000 की लूट, हाईकोर्ट को हटाना पड़ा था UPPSC चेयरमैन, सपा के भ्रष्टाचार की लंबी फेहरिस्त जनता को अब भी याद
  • उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि सपा सरकार में कोई विभाग बचा नहीं जिसमें घोटाला न हुआ हो
सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा किया गया TWEET

लखनऊ: सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह के बीच शुक्रवार को ट्विटर वार देखने को मिला। सुबह सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पुलिस विभाग से जुड़ी एक खबर पर चुटकी ली तो डॉ. राजेश्वर सिंह ने सपा सरकार के काले कारनामों की लंबी फेहरिस्त पेश कर सपा प्रमुख को आड़े हाथों लिया।

2005 से 2007 तक समाजवादी पार्टी की सरकार ने पैसा और भाई-भतीजावाद की फ़ेहरिस्त बना कर भ्रष्टाचार की जो पौध यूपी पुलिस में भर्ती कर उगाई, वो अब वटवृक्ष बन गई है। योगी सरकार को अब इन रक्तबीजों का संहार करना मजबूरी है।थाने की दीवार कूदने वाला ये भ्रष्ट दरोग़ा, 2005 की भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सपा सरकार की देन है जिसके बारे में आप लंबा चौड़ा ट्वीट कर रहे हैं।

अब जब बात भ्रष्टाचार की चली ही है तो सपा सरकार की भ्रष्टाचार की लंबी फेहरिस्त तो प्रदेश की जनता को भी याद है। उन्होंने न सिर्फ सपा सरकार के समय के सभी घोटालों को बताया बल्कि पूरी लिस्ट ही रख दिया। डॉ. सिंह ने सपा पर तीखा हमला करते हुए आगे लिखा अब जब बात भ्रष्टाचार की चली ही है तो सपा सरकार की भ्रष्टाचार की लंबी फेहरिस्त तो प्रदेश की जनता को भी याद है। ₹4,500 करोड़ का साइकिल ट्रैक विकास घोटाला, ₹4,000 करोड़ का खनन घोटाला, 2,500 करोड़ का एलडीए भूमि आवंटन घोटाला, 1,500 करोड़ का स्टेट हाइवे घोटाला, 1,400 करोड़ का गोमती रिवरफ्रंट घोटाला, 1,000 करोड़ का स्वास्थ्य विकास घोटाला, 800 करोड़ का जिला पंचायत प्रोजेक्ट घोटाला, 300 करोड़ का लैपटॉप वितरण घोटाला। पिछली सभी सपा सरकारों में कोई विभाग बचा नहीं जिसमें घोटाला हुआ न हो।

सरकारी योजनाओं के नाम पर ₹97,000 करोड़ की भारी लूट की गई, जिसका पर्दाफाश देश की प्रमुख ऑडिट एजेंसी, CAG की 2018 की रिपोर्ट में हुआ। तो जब खुद के घर में घोटालों की फसल लहलहा रही हो, तो दूसरों को नैतिकता की उपदेश देना हास्यास्पद है। पुलिस भर्ती में लुटेरों को वर्दी पहनाना, और अपने ही लोगों को पदों पर बैठाना, सपा सरकार का तो असली ‘विकास’ मॉडल ही यही था।

डॉक्टर राजेश्वर सिंह ने आगे बताया कि यूपीपीएससी भर्ती घोटाले में 86 चयनित उम्मीदवारों में से 50 एक ही जाति के थे। आपराधिक पृष्ठभूमि ऐसे लोगों को भी सिपाही बना दिया गया था, जिन पर छेड़खानी, दहेज हत्या, मारपीट, लूट और चोरी जैसे गंभीर आरोप में मुकदमें दर्ज थे। आपकी सरकार में हुई 600 से अधिक भर्तियों को रद्द करवाने और जांच की मांग को लेकर करीब 700 से अधिक याचिकाएं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। Chairman UP public service commission को हाईकोर्ट को हटाना पड़ा था और उसके ख़िलाफ़ कोर्ट को सीबीआई जाँच के आदेश देने पड़े थे। जब अंधेरा ही उजाले का ठेकेदार बन जाए, तो उजाला किसे नसीब होगा? यही हाल सपा के राज में यूपी का था।

नहीं चाहिए सपा का गुंडाराज़ और माफियाराज

सरोजनीनगर विधायक ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, 2005 से 2007 तक समाजवादी पार्टी की सरकार ने पैसा और भाई-भतीजावाद की फ़ेहरिस्त बना कर भ्रष्टाचार की जो पौध यूपी पुलिस में भर्ती कर उगाई, वो अब वटवृक्ष बन गई है। योगी सरकार को अब इन रक्तबीजों का संहार करना मजबूरी है।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने सपा प्रमुख को याद दिलाया थाने की दीवार कूदने वाला ये भ्रष्ट दरोग़ा, 2005 की भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सपा सरकार की देन है जिसके बारे में आप लंबा चौड़ा ट्वीट कर रहे हैं। डॉ.सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे जोड़ा सरकारी योजनाओं के नाम पर ₹97,000 करोड़ की भारी लूट की गई, जिसका पर्दाफाश देश की प्रमुख ऑडिट एजेंसी, CAG की 2018 की रिपोर्ट में हुआ। तो जब खुद के घर में घोटालों की फसल लहलहा रही हो, तो दूसरों को नैतिकता की उपदेश देना हास्यास्पद है।

विधायक ने सपा प्रमुख को याद दिलाया पुलिस भर्ती में लुटेरों को वर्दी पहनाना, और अपने ही लोगों को पदों पर बैठाना, सपा सरकार का तो असली ‘विकास’ मॉडल ही यही था। यूपीपीएससी भर्ती घोटाले में 86 चयनित उम्मीदवारों में से 50 एक ही जाति के थे। आपराधिक पृष्ठभूमि वालों भी सिपाही बना दिया गया था, जिन पर छेड़खानी, दहेज हत्या, मारपीट, लूट और चोरी जैसे गंभीर आरोप में मुकदमें दर्ज थे। आपकी सरकार में हुई 600 से अधिक भर्तियों को रद्द करवाने और जांच की मांग को लेकर करीब 700 से अधिक याचिकाएं हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को हाईकोर्ट द्वारा हटाना पड़ा था और उसके ख़िलाफ़ सीबीआई जाँच के आदेश देने पड़े थे। जब अंधेरा ही उजाले का ठेकेदार बन जाए, तो उजाला किसे नसीब होगा? यही हाल सपा के राज में यूपी का था।

गौरतलब है कि शुक्रवार को सपा प्रमुख ने बरेली में एक इंस्पेक्टर के दीवार कूदकर भागने की खबर को ट्वीट कर भाजपा सरकार पर व्यंग कसा था। जिस पर उत्तर देते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने ट्वीट कर सपा सरकार में हुए घोटालों को याद दिलाते हुए सपा प्रमुख को जवाब दिया।

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