- NCLAT ने Ansal API केस में अंतरिम आदेश पारित किया, जिससे घर खरीदारों को बड़ी राहत मिली है।
- अंतरिम आदेश के तहत IRP अब ‘Expression of Interest’ आमंत्रित नहीं कर सकते, क्योंकि Form G जारी नहीं हुआ है।
- CIRP के तहत चल रही Fernhill (गुरुग्राम) और Serene Residency (ग्रेटर नोएडा) जैसी परियोजनाओं में निवेशकों को उम्मीद की नई किरण दिखी है।
- NCLAT ने सभी प्राधिकरणों को हस्तक्षेप की अनुमति दी, जिससे RERA और अन्य संस्थाएं सक्रिय भूमिका निभा सकेंगी।
- मामले की अगली सुनवाई 20 मई 2025 को दोपहर 2 बजे निर्धारित की गई है, जिसमें जवाब और प्रत्युत्तर दाखिल होंगे।
लखनऊ, True News UP ब्यूरो: घर खरीदारों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) ने अंसल प्रॉपर्टीज़ एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Ansal API) मामले में अंतरिम आदेश पारित करते हुए कई अहम निर्देश दिए हैं। यह आदेश उन हजारों घर खरीदारों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो बीते कई वर्षों से अपने सपनों का घर पाने के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।
क्या है मामला?
अंसल एपीआई के खिलाफ कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) नवंबर 2022 से चल रहा है। कंपनी की दो बड़ी परियोजनाएं — फर्नहिल (Fernhill) जो गुरुग्राम में स्थित है और सीरीन रेजिडेंसी (Serene Residency) जो ग्रेटर नोएडा में स्थित है — पहले से ही अलग-अलग समाधान प्रक्रिया (Resolution Process) से गुजर रही हैं। इन दोनों परियोजनाओं में हजारों घर खरीदारों ने अपने जीवन भर की पूंजी लगाई है।
वित्तीय संकट के चलते कंपनी पर दिवालियापन की प्रक्रिया लागू की गई थी, लेकिन इसके कारण घर खरीदारों की स्थिति और भी जटिल हो गई थी। ऐसे में इस मामले में NCLAT का अंतरिम आदेश एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
अंतरिम आदेश में क्या कहा गया?
NCLAT ने 24 अप्रैल 2025 को सुनवाई करते हुए तीन प्रमुख निर्देश दिए:
- ईओआई (Expression of Interest) पर रोक:
अंतरिम आदेश के तहत इंटरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) अब “एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट” आमंत्रित नहीं कर सकते, क्योंकि अभी तक फॉर्म G जारी नहीं किया गया है। इसका सीधा मतलब यह है कि अभी किसी अन्य पक्ष को प्रस्ताव जमा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। - प्राधिकरणों के हस्तक्षेप की अनुमति:
ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस मामले में सभी सरकारी अथवा नियामक प्राधिकरण (Authorities) को हस्तक्षेप की अनुमति दी गई है। इससे यह उम्मीद जगी है कि RERA, नगर निगम, विद्युत विभाग और अन्य एजेंसियां घर खरीदारों के हित में अपनी भूमिका निभा सकती हैं। - अगली सुनवाई की तिथि तय:
मामला अब 20 मई 2025 को दोपहर 2 बजे के लिए स्थगित कर दिया गया है। उस दिन प्रतिवाद और प्रत्युत्तर दाखिल किए जाएंगे।
घर खरीदारों की लड़ाई को मिला सहारा
यह आदेश उन घर खरीदारों के लिए एक बड़ी जीत है जो वर्षों से फ्लैट का कब्जा पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। “फर्नहिल” और “सीरीन रेजिडेंसी” जैसी परियोजनाओं में घर खरीदारों ने अपने जीवन की जमा-पूंजी निवेश की थी, लेकिन निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया था और कंपनी पर वित्तीय संकट के बादल मंडराने लगे थे।
घर खरीदारों की ओर से कई मंचों पर आवाज़ उठाई जा रही थी, जिनमें RERA, NCLT, NCLAT और उच्च न्यायालय तक शामिल हैं। अब जबकि NCLAT ने अंतरिम राहत दी है, इससे घर खरीदारों के पक्ष को मजबूती मिली है।
CIRP के दौरान खरीदारों की समस्याएं
जब किसी रियल एस्टेट कंपनी पर दिवालियापन प्रक्रिया लागू होती है, तब सबसे अधिक असर उन मासूम ग्राहकों पर पड़ता है, जिन्होंने ईमानदारी से समय पर भुगतान किया होता है। CIRP के तहत:
परियोजनाओं का नियंत्रण IRP के पास चला जाता है।
घर खरीदारों की प्राथमिकता गिरवीदार संस्थाओं से नीचे कर दी जाती है।
निर्माण कार्य रुक जाता है और कब्जा मिलने की कोई समयसीमा तय नहीं रहती।
ऐसे में NCLAT द्वारा दिया गया यह अंतरिम आदेश खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए बेहद जरूरी कदम माना जा रहा है।
खरीदारों की प्रतिक्रिया
फर्नहिल प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले एक गृह खरीदार संजय मिश्रा ने कहा,
“हमने लगभग 10 साल पहले इस परियोजना में निवेश किया था, लेकिन आज तक मकान नहीं मिला। NCLAT का यह आदेश एक नई उम्मीद लेकर आया है। हम कोर्ट से यही उम्मीद करते हैं कि हमारी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहे।”
वहीं, सीरीन रेजिडेंसी की खरीदार रचना सिंह ने कहा,
“हर महीने किराया और ईएमआई दोनों देना पड़ता है। अब इस आदेश से उम्मीद जगी है कि हमारी आवाज़ भी सुनी जा रही है।”
सरकार और नियामक संस्थानों से अपेक्षाएं
घर खरीदारों की सबसे बड़ी मांग यही है कि:
अधूरी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराया जाए।
खरीदारों को वित्तीय संस्थाओं से ऊपर प्राथमिकता दी जाए।
कानूनों में ऐसे संशोधन किए जाएं जिससे घर खरीदारों के हितों की अनदेखी न हो।
RERA और अन्य नियामक संस्थाओं को भी इस दिशा में सख्ती से कदम उठाने की ज़रूरत है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
अब आगे क्या?
20 मई 2025 को इस मामले की अगली सुनवाई होगी जिसमें सभी पक्षों द्वारा प्रतिवाद और प्रत्युत्तर प्रस्तुत किए जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि अदालत खरीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द कोई ठोस फैसला देगी।
Ansal API मामले में NCLAT का अंतरिम आदेश घर खरीदारों के लिए एक बड़ी राहत है। यह आदेश यह संकेत देता है कि न्याय प्रणाली अब खरीदारों की पीड़ा को समझ रही है और उनके हितों की रक्षा के लिए तत्पर है।