आज संसद में स्पोर्ट्स बिल पास हो गया, जिसे आजादी के बाद भारतीय खेलों में सबसे बड़ा सुधार बताया जा रहा है। इसके साथ ही नेशनल एंटी-डोपिंग बिल में भी संशोधन कर उसे मंजूरी दी गई।
नए नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल के तहत केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय हित में निर्देश जारी करने और रोक लगाने की शक्ति होगी। इसका मतलब है कि कुछ मामलों में सरकार टीम इंडिया और खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने पर रोक भी लगा सकती है, जैसे भारत-पाकिस्तान मैचों में प्रतिबंध की स्थिति।
बिल में राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण से जुड़ा प्रावधान शामिल है, जिसके तहत सिविल कोर्ट महासंघों और एथलीटों के चयन से लेकर चुनाव तक के विवादों का निपटारा कर सकेगा। सिविल कोर्ट के फैसले को केवल सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
इसके अलावा, सभी नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन्स (NSFs) को केंद्र सरकार से फंडिंग प्राप्त करने के लिए पहले नेशनल स्पोर्ट्स बोर्ड (NSB) से अनुमति लेनी होगी।
यह बिल पारदर्शी, विश्वसनीय और वर्ल्ड-क्लास स्पोर्ट्स इकोसिस्टम तैयार करने पर जोर देता है, ताकि भारत 2036 ओलंपिक के लिए पूरी तरह तैयार हो सके। बड़े देश होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय खेलों में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है, और यह सुधार भारत की खेल क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा।