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NCLT द्वारा अंसल एपीआई को दिवालिया घोषित किए जाने पर प्रभावित खरीदारों से विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह ने की मुलाकात; डॉ. सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा- हर हाल में की जाएगी अंसल खरीदारों के हितों की रक्षा, सरकार निवेशकों के साथ, उनकी जमापूंजी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी

  • एनसीएलटी ने अंसल प्रॉपर्टीज को दिवालिया घोषित कर IRP नियुक्त किया।
  • सरकार निवेशकों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट और एनसीएलएटी में अपील करने पर विचार कर रही है।
  • अंसल के खिलाफ FIR और LDA के तहत कानूनी कार्रवाई की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लिया, सरकार निवेशकों के साथ खड़ी है।

लखनऊ: सरोजनी नगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सुशांत गोल्फ सिटी स्थित अंसल एपीआई के प्रभावित खरीदारों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना और उनके निवेश की सुरक्षा को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। बैठक में उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार हर हाल में खरीदारों के हितों की रक्षा करेगी और उनकी जमापूंजी को सुरक्षित रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगी।

एनसीएलटी ने अंसल एपीआई को दिवालिया घोषित किया

गौरतलब है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) द्वारा अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिवालिया घोषित कर दिया गया है और इंटरिम रिज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) नियुक्त करने का आदेश दिया गया है। इस फैसले के बाद अंसल के निवेशकों और खरीदारों में असमंजस और चिंता का माहौल है। बड़ी संख्या में लोगों ने अंसल एपीआई में फ्लैट, प्लॉट और विला खरीदे थे, लेकिन कंपनी के दिवालिया होने से उनकी पूंजी अधर में लटक गई है।

डॉ. राजेश्वर सिंह का आश्वासन – सरकार खरीदारों के साथ

बैठक में डॉ. राजेश्वर सिंह ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और सरकार प्रभावित खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी रखी जा रही है और सभी संभावित कानूनी और प्रशासनिक विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए तीन प्रमुख विकल्पों पर विचार

डॉ. सिंह ने बताया कि सरकार इस मामले को लेकर तीन बड़े कानूनी और प्रशासनिक कदम उठाने पर विचार कर रही है:

  1. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करना:
    • अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, जिससे खरीदारों के अधिकारों की रक्षा हो सके।
  2. एनसीएलटी के फैसले के खिलाफ अपील करना:
    • अंसल को दिवालिया घोषित किए जाने के फैसले को चुनौती देने के लिए एनसीएलएटी (NCLAT) में अपील दायर की जाएगी
  3. सरकारी कार्रवाई और एफआईआर:
    • अंसल प्रॉपर्टीज के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करने और एलडीए (LDA) के तहत कार्रवाई करने पर विचार किया जा रहा है

निवेशकों की चिंता पर सरकार की सक्रियता

बैठक के दौरान अंसल रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष गगन टंडन, वरिष्ठ भाजपा नेता शिव शंकर सिंह शंकरी, शैलेन्द्र सिंह, अमर पाल राठौर, कुश अग्रवाल, अजीत यादव, पंकज तिवारी, एस. एस. अस्थाना, संजय सिंह, अनिल अग्रवाल सहित कई अन्य प्रभावित खरीददार उपस्थित रहे।

प्रभावित निवेशकों ने विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह के प्रयासों की सराहना की और सरकार से शीघ्र समाधान की मांग की। इस पर डॉ. सिंह ने भरोसा दिलाया कि वे स्वयं इस पूरे मामले की निगरानी करेंगे और सरकार निवेशकों के साथ खड़ी है।

सरकार के कड़े कदम– खरीदारों की सुरक्षा प्राथमिकता

डॉ. सिंह ने कहा कि इस तरह के मामलों में निवेशकों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है और राज्य सरकार आर्थिक अपराधों और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस मुद्दे की समीक्षा कर रहे हैं और जल्द ही इस मामले में बड़ा निर्णय लिया जा सकता है।

अंसल प्रॉपर्टीज में निवेश करने वाले हजारों खरीदारों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह के नेतृत्व में सरकार इस मामले को एनसीएलटी, सुप्रीम कोर्ट और पुलिस कार्रवाई जैसे सभी संभावित विकल्पों से हल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। खरीदारों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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