खुद को “ब्रिटेन का भविष्य प्रधानमंत्री” और सोशल मीडिया पर “लॉर्ड माइल्स” कहने वाले ब्रिटेन के 24 वर्षीय यूट्यूबर माइल्स रूटलेज की साल भर पुरानी एयरपॉड्स की तलाश एक हैरान करने वाली कहानी बनकर सामने आई है. यह तलाश सिर्फ एक गैजेट तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें इंटरनेशनल लोकेशन ट्रैकिंग, पाकिस्तानी पुलिस की मदद, सोशल मीडिया अभियान और मजेदार प्रतिक्रियाएं भी शामिल रहीं.
दुबई से पाकिस्तान तक पहुंची एयरपॉड्स की लोकेशन
माइल्स ने पिछले साल दुबई के एक होटल में अपने वायरलेस एयरपॉड्स खो दिए थे. उन्होंने एपल के ‘ फाइंड माय’ ऐप की मदद से जब इन्हें ट्रैक करना शुरू किया तो पता चला कि एयरपॉड्स दुबई में नहीं बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के झेलम शहर में “2nd Wife Restaurant” के पास हैं. इस खुलासे के बाद उन्होंने एक्स पर झेलम पुलिस को टैग कर मदद मांगी और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वे खुद पाकिस्तान आकर पुलिस के साथ कार्रवाई करेंगे.
पुलिस हरकत में आई, डिवाइस मिला
रूटलेज की सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होते ही झेलम पुलिस ने इस पर कार्रवाई शुरू की. उन्होंने उन परिवारों की जांच की जो हाल ही में दुबई से लौटे थे. आखिरकार पुलिस को एक व्यक्ति मिला जिसके पास वही एयरपॉड्स थे. उस व्यक्ति ने बताया कि उसने उन्हें दुबई में एक भारतीय नागरिक से खरीदा था और उसे नहीं पता था कि वे चोरी के हैं. पुलिस ने मामले में कोई अपराध नहीं माना और रूटलेज को डिवाइस डाक से मंगवाने या खुद लेने का विकल्प दिया. रूटलेज ने खुद आकर लेने का विकल्प चुना.
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
जब रूटलेज ने पाकिस्तान जाकर एयरपॉड्स लेने की बात कही तो सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल खड़े किए. कई यूजर्स ने कहा कि 200 डॉलर की एयरपॉड्स के लिए इंटरनेशनल ट्रैवल, पुलिस की मदद और इतना शोर मचाना समझदारी नहीं है. एक यूजर ने लिखा, “इतना खर्च क्यों? नया खरीद लेना आसान था.” दूसरे ने लिखा, “मैं तो वो एयरपॉड्स दोबारा कान में भी ना लगाऊं!”
पाकिस्तानियों की प्रतिक्रियाएं
कुछ पाकिस्तानियों ने इस घटनाक्रम को देश के लिए एक पॉजिटिव इमेज बिल्डिंग बताया, जबकि कुछ ने मज़ाक में लिया. किसी ने लिखा, “200 डॉलर के एयरपॉड्स के पीछे दुनिया सिर पर उठा ली है.” एक यूजर ने तो यहां तक कह दिया, “लोलिवुड ध्यान दे अगली फिल्म का नाम हो सकता है: ‘लंदन से एयरपॉड्स लेने झेलम जाऊंगा.’”
रूटलेज की प्रतिक्रिया
माइल्स रूटलेज ने बताया कि वे पहले से अफगानिस्तान में थे और पाकिस्तान के रास्ते कराची जा रहे थे, इसलिए डिवाइस लेने आना कोई बड़ी बात नहीं थी. उन्होंने आगे कहा कि वे अब खोए हुए एयरपॉड्स खोजने के लिए सार्वजनिक सेवा के रूप में मदद करेंगे और इस पूरे अनुभव पर एक वीडियो भी बनाएंगे.