विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार (30 मई, 2025) को गुजरात के वडोदरा के पारुल यूनिवर्सिटी के विदेशी छात्रों के दीक्षांत समोराह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित भी किया. जयशंकर ने अपने संबोधन के दौरान अंतरराष्ट्रीय सहयोग, आत्मनिर्भर भारत और वसुधैव कुटुंबकरम के महत्व के बारे में बताया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति पर पूरी तरह से अडिग है.
आतंकवाद और परमाणु हमले को लेकर बोले जयशंकर
वहीं, पाकिस्तान की ओर से लगातार परमाणु हमले की धमकी को लेकर जयशंकर ने कहा कि भारत कभी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. जो लोग आतंकवाद को प्रायोजित, पोषित और इसका इस्तेमाल करते हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी चाहिए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर की यह टिप्पणी पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर आई है.
भारत की विदे”श कूटनीति पर विदेश मंत्री का संबोधन
भारत की विदेश कूटनीति के बारे में बोलते हुए जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, “भारत की कूटनीति का एक उद्देश्य है कि भारत को दुनिया के अन्य सभी देशों के साथ एकजुटता को बढ़ाना है. कुछ देश इसे भौगोलिक और ऐतिहासिक आधार पर करते हैं, तो कुछ विश्वास, भाषा और संस्कृति के आधार पर करते हैं. भारत विश्वास के आधार पर साझेदारी बनाने में भरोसा रखता है. ऐसे में भारत ने निकटता, समाजशास्त्र और विरासत के संबंधों को विकास सहयोगि में बदला है. वहीं, कुछ वर्गों मे अन्य देशों के साथ खुलेआम आदान-प्रदान करना एक चलन बन गया है.”
उन्होंने कहा, “भारत एक दुर्लभ सभ्यता वाला देश है, जो विश्व बिरादरी में अपना उचित स्थान फिर से हासिल कर रहा है. आज भारत की साझेदारी जल, बिजली, स्थास्थ्य, डिजिटल सेवा, शिक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में फैली हुई है।”