
लखनऊ, 19 सितंबर 2024: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के प्रेरणा और मार्गदर्शन में “स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा” के अंतर्गत आज राजभवन में मानव श्रृंखला बनाकर स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अभियान में राजभवन के कार्मिकों, अध्यासित छात्र-छात्राओं, और विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी की।
स्वच्छता के प्रति समाज को किया गया जागरूक
राजभवन के बड़े लॉन में, राष्ट्रीय ध्वज के नीचे मानव श्रृंखला बनाकर सभी प्रतिभागियों ने अपने आसपास और समाज को स्वच्छ रखने का संकल्प लिया। “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” की थीम पर आधारित यह कार्यक्रम स्वच्छता के महत्व को उजागर करने के लिए आयोजित किया गया। भारत माता की जय और वंदे मातरम के उत्साहपूर्ण उद्घोष के साथ सभी प्रतिभागियों ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का संचालन
इस कार्यक्रम का संचालन विशेष कार्याधिकारी शिक्षा, डॉ. पंकज एल. जानी ने किया, जबकि नेतृत्व मुख्य सुरक्षा अधिकारी श्री अजय त्रिपाठी द्वारा किया गया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया और उन्हें इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया।
सेवा पखवाड़ा के तहत स्वच्छता अभियान
राजभवन में 17 सितंबर 2024 से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2024 तक “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” थीम के तहत विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस से शुरू होकर गांधी जयंती तक चलने वाले “स्वच्छता ही सेवा” अभियान का हिस्सा है। इस दौरान, राजभवन के अधिकारी, कर्मचारी, अध्यासितगण, प्राथमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राएं और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी स्वच्छता से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं।
विशेष सफाई अभियान
18 सितंबर 2024 को राजभवन उत्तर प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारियों ने विशेष सफाई अभियान के तहत राजभवन परिसर की सफाई की। यह सेवा पखवाड़ा, देशभर में स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने और स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए संचालित किया जा रहा है।
स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के तहत राजभवन में आयोजित इस मानव श्रृंखला ने स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस अभियान के माध्यम से लोगों को अपने समाज और परिवेश को स्वच्छ रखने का संदेश दिया गया, जो “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” की थीम को सार्थक रूप से प्रतिबिंबित करता है।