किडनी स्टोन बीमारी (Kidney Stone Disease – KSD) दुनिया भर में सबसे आम यूरोलॉजिकल समस्याओं में से एक है. इसकी संख्या लगातार बढ़ रही है. पहले इसे पुरुषों की समस्या माना जाता था, लेकिन हाल के शोध बताते हैं कि महिलाएं, खासकर किशोर और युवा महिलाएं भी बड़ी संख्या में प्रभावित हो रही हैं. दिलचस्प बात यह है कि पुरुष और महिलाओं में इसके लक्षण और दर्द का तरीका अलग-अलग हो सकता है.
सामान्य दर्द के लक्षण
पुरुष और महिलाएं दोनों में किडनी स्टोन का सबसे बड़ा लक्षण अचानक और तेज दर्द होता है, जिसे रेनल कॉलिक कहा जाता है. यह दर्द अक्सर शरीर के साइड हिस्से यानी पसलियों और कमर के बीच से शुरू होकर पेट के निचले हिस्से और ग्रोइन तक फैल सकता है. पथरी के यूरिन मार्ग में मूव करने से दबाव और रुकावट होती है, जिससे यह असहनीय दर्द पैदा होता है.
पुरुषों में किडनी स्टोन के लक्षण
पुरुषों में दर्द ज़्यादातर फ्लैंक (साइड), लोअर बैक और ग्रोइन में महसूस होता है. कई बार यह दर्द टेस्टिकल्स और स्क्रोटम तक भी फैल जाता है. रिसर्च में पाया गया है कि पुरुषों में स्टोन अक्सर गर्म मौसम में ज्यादा दिखाई देते हैं. कारण है पसीने के जरिए ज्यादा पानी निकलना और यूरिन में ज्यादा कैल्शियम और ऑक्सलेट की मौजूदगी. यही वजह है कि पुरुषों में कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन ज्यादा पाए जाते हैं.
महिलाओं में किडनी स्टोन के लक्षण
महिलाओं में दर्द अक्सर लोअर एब्डॉमेन और पेल्विक एरिया में होता है. कई बार यह दर्द इतना मिलता-जुलता होता है कि इसे स्त्री रोग संबंधी समस्या समझ लिया जाता है. युवा महिलाओं में इसका असर लाइफस्टाइल पर ज्यादा पड़ता है. थकान, नींद की समस्या और चिंता जैसी शिकायतें ज्यादा सामने आती हैं. पोस्ट-मेनेपॉज़ल महिलाओं में दर्द की सहनशीलता ज्यादा देखी गई है. यहां तक कि शॉकवेव ट्रीटमेंट के दौरान भी युवा महिलाओं की तुलना में कम दर्द महसूस होता है. लेकिन महिलाओं के लिए खतरा यह है कि पथरी के इलाज के बाद उनमें इन्फेक्शन और सेप्सिस का खतरा ज्यादा होता है.
अन्य अंतर: हार्मोन और स्टोन की किस्म
हार्मोन का असर– प्री-मेनेपॉज़ल महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन कुछ हद तक सुरक्षा देता है और कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन बनने की संभावना को कम करता है. उम्र बढ़ने के साथ यह सुरक्षा कम हो जाती है.
स्टोन की किस्म– पुरुषों में कैल्शियम ऑक्सलेट स्टोन ज्यादा होते हैं, जबकि महिलाओं में इंफेक्शन से जुड़े स्ट्रुवाइट स्टोन ज्यादा बनते हैं.
क्वालिटी ऑफ लाइफ– 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में जीवन की गुणवत्ता पर असर पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखा गया है.
किडनी स्टोन दर्दनाक तो सभी के लिए है, लेकिन पुरुष और महिलाओं में इसके लक्षण, दर्द की जगह और असर अलग हो सकते हैं. इन जेंडर-आधारित अंतर को समझना जरूरी है ताकि मरीज जल्दी पहचान सकें और डॉक्टर सही और व्यक्तिगत इलाज दे सकें. जैसे-जैसे पुरुष और महिलाओं में किडनी स्टोन का अंतर कम हो रहा है, वैसे-वैसे इन बारीकियों को जानना और भी अहम हो जाएगा.
Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


































