इजरायली सेना ने कहा है कि गाजा में 23 मार्च,2025 को हुए हमले में 15 इमरजेंसी कर्मियों की मौत “ऑपरेशन में हुई गलती” और आदेशों का पालन न करने की वजह से हुई. दरअसल, यह जानकारी सेना की ओर से कराई गई आंतरिक जांच में सामने आई है.
सेना ने बताया कि उस समय सैनिकों को लगा कि वे दुश्मनों से खतरे में हैं, लेकिन उन्होंने कई गलतियां कीं. इसमें गलत फैसले, आदेशों की अनदेखी और सही रिपोर्ट न देना शामिल है.
डिप्टी कमांडर को किया गया बर्खास्त
इजरायली सेना ने कहा, “घटना में शामिल कमांडरों पर कार्रवाई करते हुए सेना ने गोलानी टोही बटालियन के डिप्टी कमांडर को हटाने का फैसला किया गया है. कुछ सैनिकों ने गलत रिपोर्ट दी और घटना की पूरी जानकारी समय पर नहीं दी. वहीं, 14वीं ब्रिगेड के कमांडर को चेतावनी दी गई है”. बयान में मेडिकल स्टाफ और बचाव दल के लिए ज़्यादा सावधानी बरतने की बात कही गई है.
क्या हुआ था 23 मार्च को?
यह घटना गाजा के राफा इलाके में हुई. जब इजरायली हवाई हमलों के बाद आपातकालीन टीम मौके पर पहुंची, तब उन पर फायरिंग शुरू हो गई. इस हमले में फिलिस्तीनी रेड क्रिसेंट के 8, गाजा सिविल डिफेंस के 6 और संयुक्त राष्ट्र का एक कर्मी मारा गया. शुरुआत में इजरायल ने कहा था कि ये गाड़ियां बिना लाइट के आ रही थीं और संदेहास्पद लग रही थीं, लेकिन एक मारे गए डॉक्टर के फोन से मिले वीडियो में एम्बुलेंस की लाइटें और इमरजेंसी सायरन साफ दिख रहे थे.
फायरिंग बिना किसी चेतावनी के शुरू हुई और लगभग पांच मिनट तक चली. एक वीडियो में एक पैरामेडिक अपनी मां से माफी मांगते हुए “मां, मुझे माफ कर दो… मैंने लोगों की मदद करने का रास्ता चुना.” सुनाई देता है,
बचे हुए कर्मचारी के आरोप
एक बचने वाले पैरामेडिक ने बताया कि उसे पीटा गया और पूछताछ की गई. बाद में सभी शवों को सामूहिक कब्र में दफनाया गया. बाद में कहा गया कि इजरायली सैनिकों ने शवों को सड़क साफ करने और जानवरों से बचाने के लिए दफनाया था.