ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन तक चले भारी संघर्ष का अंत मंगलवार सुबह सीजफायर के साथ हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका ऐलान किया. इस लड़ाई में दोनों देशों को काफी नुकसान हुआ, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इजरायल में हुई तबाही की हो रही है. इसी बीच, ईरान से लेकर इजरायल तक कई जगहों पर अमेरिका के खिलाफ हमलों को जीत की तरह मनाया जा रहा है. यहां तक कि बेरूत में एक पोस्टर लगाया गया है जिसमें खामेनेई के सामने ट्रंप को घुटनों पर बैठे हुए दिखाया गया है.
बेरूत में मनाया जा रहा ईरान की जीत का जश्न
लेबनान की राजधानी बेरूत के दक्षिणी इलाके दहीयेह में ईरान की जीत का जश्न मनाया जा रहा है. वहां की सड़कों पर ऐसे बैनर लगे हैं, जिनमें लिखा है कि ईरान ने युद्ध में इजरायल को हरा दिया. यह इलाका हिज्बुल्लाह का मजबूत गढ़ माना जाता है और यहां लोग ईरान का खुलकर समर्थन करते हैं.
इजरायल की टैक्स अथॉरिटी ने किया बड़ा खुलासा
इजरायल की टैक्स अथॉरिटी के मुआवजा विभाग ने बताया है कि इस बार ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों से जितनी संपत्ति को नुकसान हुआ है, वह 7 अक्टूबर 2023 के बाद हमास, हिजबुल्लाह और हूथियों के हमलों से हुए कुल नुकसान से भी दोगुना है. अब तक 40,000 से ज्यादा लोग मुआवजे के लिए आवेदन कर चुके हैं और ये संख्या 50,000 से भी ऊपर जा सकती है. इनमें कई फैक्ट्रियां भी शामिल हैं, जो अभी तक नुकसान का सही हिसाब लगा रही हैं.
ईरान ने दागीं 550 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें: इजरायल
इजरायल का कहना है कि इस युद्ध में ईरान ने 550 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इनमें से सिर्फ 31 मिसाइलें आबादी वाले इलाकों में गिरीं. लगभग 1,000 ड्रोन भेजे गए, लेकिन उनमें से सिर्फ एक ड्रोन ही किसी घर को नुकसान पहुंचा सका. इसके अलावा, मिसाइलों और उन्हें रोकने वाले इंटरसेप्टर से निकले टुकड़ों (शार्पनेल) ने भी कई जगहों पर नुकसान किया.
सरकार के मुताबिक, मुआवजे की अनुमानित राशि करीब 5 अरब न्यू शेकेल (लगभग 1.47 अरब डॉलर) हो सकती है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो कुछ मिसाइलें इजरायली एयर डिफेंस को पार कर गईं, वे कितनी ज्यादा शक्तिशाली और विनाशकारी थीं. इन मिसाइलों में भारी विस्फोटक वारहेड लगे थे, जिन्होंने कई अपार्टमेंट पूरी तरह तबाह कर दिए और आस-पास के इलाकों में खिड़कियों और दीवारों तक को नुकसान पहुंचाया.
ईरान के राष्ट्रपति ने क्या कहा?
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा है कि उनका देश अब भी बातचीत से मसला सुलझाने के लिए तैयार है. उन्होंने साफ किया कि ईरान परमाणु हथियार बनाना नहीं चाहता, लेकिन वह अपने वैध अधिकारों की रक्षा जरूर करेगा. साथ ही उन्होंने अमेरिका और इजरायल को चेतावनी दी कि वे अपनी जबरदस्ती की नीतियों से ईरान पर कुछ भी थोप नहीं सकते.
इजरायल की डिफेंस सिस्टम ‘आयरन डोम’ पर उठे सवाल
इस युद्ध में ईरान भले ही भारी नुकसान झेल चुका हो, लेकिन उसने यह भी दिखाया कि उसकी मिसाइल क्षमता और हिम्मत अब भी कायम है. वहीं, इजरायल की डिफेंस सिस्टम ‘आयरन डोम’ पर भी सवाल उठे हैं, क्योंकि इतने कड़े बचाव के बावजूद मिसाइलें शहरों में तबाही मचा पाईं.