पाकिस्तान को उसके किए की सजा भुगतनी पड़ रही है। भारत के सैन्य ठिकानों पर किए गए नाकाम हमले के जवाब में जहां उसे भारत की ओर से जबरदस्त मार झेलनी पड़ रही है वहीं अब पाकिस्तान की संसद में भी सरकार की फजीहत हो रही है। कोई पीएम को डरपोक बता रहा है तो कोई सेना की कार्रवाई पर सवाल उठा रहा है।
देश के अंदर जंग में फंसी है फौज
फज़ल-उर-रहमान ने कहा कि बलूचिस्तान में जो हो रहा है, खैबर पख्तूनख्वाह में जो हो रहा है उसके लिए हम क्या कोशिशें कर रहे हैं? कौन सी ऐसी योजना हमनें बनाई है जिससे हम अपने ही देश के अंदर जंग में फंसी फौज को निकाल सकें और उसे बॉर्डर की तरफ मूव करें जिससे भारत का मुकाबला किया जा सके। फज़ल-उर-रहमान ने कहा कि आज तक भारत के एक्शन का क्या जवाब दिया है। अभी तक देश को ये पता नहीं है। .हमने भारत का अब तक क्या नुकसान किया है अब तक देश को बताया नहीं गया है।
सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया डरपोक
दरअसल, भारत के सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश के बाद हुई जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में डर का माहौल है। संसद के अंदर भी इसकी साफ झलक देखी जा सकती है। पाकिस्तानी सांसद इतने डरे हुए हैं कि उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की संसद में फजीहत करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी सांसद शाहिद अहमद खट्टक ने प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ को डरपोक बताया है। सांसद शाहिद अहमद ने शहबाज़ शरीफ़ की लीडरशिप पर भी सवाल उठाए और कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ डर के चलते भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं ले रहे हैं।
भारत ने आतंकी ठिकानों को बनाया निशाना
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंध बुरी तरह से बिगड़ने लगे। भारत ने सिंधु जल समझौते को रोक दिया। इसके साथ ही अन्य कई कड़े फैसले लिए। फिर भारत की ओर पाकिस्तान और पाक के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के हिस्से में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारतीय सेना ने इसे एक टारगेटेड हमला बताया। जिसमें पाकिस्तान को सैन्य और रिहायशी इलाकों को कोई खतरा न हो इसका पूरा ख्याल रखा। लेकिन पाकिस्तान की ओर से भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर हमले शुरू किए गए। भारत की ओर से इसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया।
नापाक मंसूबों का बलपूर्वक जवाब देगी भारतीय सेना
पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर ‘‘संघर्ष विराम समझौते का कई बार उल्लंघन’’ किया। पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने आठ और नौ मई 2025 की दरम्यानी रात को पूरी पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और अन्य हथियारों का उपयोग करके कई हमले किए। पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का भी कई बार उल्लंघन किया।’’ भारतीय सेना ने कहा कि ड्रोन हमलों को ‘‘प्रभावी ढंग से विफल’’ किया गया और संघर्ष विराम उल्लंघन का ‘‘मुंहतोड़ जवाब’’ दिया गया। उसने कहा, ‘‘भारतीय सेना राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नापाक मंसूबों का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा।’’