अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का विवाद अब धीरे-धीरे बढ़ने लगता है. अमेरिका की एक अदालत ने ट्रंप प्रशासन की ओर से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को विदेशी छात्रों के नामांकन पर रोक लगाने के आदेश को 30 दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया है. कोर्ट कहा कि जब तक इस मामले में कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तब तक ट्रंप प्रशासन हॉर्वर्ड के अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निष्कासित नहीं कर सकता.
30 दिन तक किसी भी सख्त कार्रवाई से बचे ट्रंप प्रशासन
ट्रंप प्रशासन की ओर से नोटिस भेजे जाने के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) पर मुकदमा दायर किया था. यूनिवर्सिटी ने अपनी याचिका में कहा कि अगर विदेशी छात्रों की संख्या सीमित की जाती है तो विश्वविद्यालय के 25 फीसदी छात्र इससे प्रभावित होंगे. इस पर कोर्ट ने अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग को नोटिस देते हुए कहा कि वह अगले 30 दिन तक किसी भी सख्त कार्रवाई से बचे.
‘राजनीतिक बदले के लिए ट्रंप प्रशासन ने लिया फैसला’
ट्रंप सरकार ने 22 मई 2025 को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की SEVP (Student and Exchange Visitor Program) सर्टिफिकेशन रद्द करने की घोषणा की थी. ऐसा होने पर विदेशी छात्र इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं ले पाएंगे. इसके बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने बोस्टन की एक कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें आरोप लगाया कि हार्वर्ड ने व्हाइट हाउस की कुछ नीतियों का विरोध किया इसलिए ट्रंप प्रशासन ने यह फैसला राजनीतिक बदला निकालने के लिए लिया है.
‘फेडरल नियमों का उल्लंघन’
कोर्ट में हार्वर्ड के वकीलों ने SEVP सर्टिफिकेशन को बिना किसी नोटिस के खत्म करना फेडरल नियमों का उल्लंघन बताया. वकील ने कहा कि नियम ये कहता है कि पहले सरकार नोटिस दे और सफाई का मौका दे. यूनिवर्सिटी ने कहा कि यह केवल एक विश्वविद्यालय की लड़ाई नहीं, बल्कि शिक्षा की स्वतंत्रता और अमेरिका में विविधता की रक्षा की लड़ाई है. हालांकि इस मामले पर बढ़ते दवाब को देखते हुए ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है.