ईरान और इजरायल की बीच 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद सीजफायर हो चुका है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बयान दिया है, जिसने हड़कंप मचा दिया है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो वह ईरान पर दोबारा हमला करने से नहीं हिचकिचाएंगे. ट्रंप के अनुसार, अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरान के प्रमुख न्यूक्लियर प्लांट्स को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है. हालांकि ईरान इस दावे को खारिज करता है.
अमेरिका और इजरायल की सबसे बड़ी चिंता यही है कि ईरान कहीं उत्तर कोरिया या पाकिस्तान की तरह परमाणु शक्ति संपन्न देश न बन जाए. हालांकि, ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई का दावा है कि कोई ठोस नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार ईरान को गंभीर क्षति पहुंची है.
दुनिया में लगभग 3,904 परमाणु हथियार
स्वीडिश थिंक टैंक SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में लगभग 3,904 परमाणु हथियार सक्रिय हैं, जिनमें 90% अमेरिका और रूस के पास हैं. भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया भी परमाणु हथियारों पर काम कर रहे हैं. इस सूची में ईरान का जुड़ना वैश्विक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा हो सकता है. ऐसा अमेरिका और इजरायल का मानना है.
अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट्स और विरोधाभासी दावे
अमेरिका की खुफिया एजेंसियों का दावा है कि ईरान के संवर्धित यूरेनियम को स्ट्राइक से पहले नहीं हटाया गया था.इजरायल के अधिकारियों का कहना है कि ईरान का संवर्धित यूरेनियम अब भी इस्फहान की अंडरग्राउंड सुरंगों में मौजूद है. वहीं, व्हाइट हाउस कहता है कि “कोई सबूत नहीं है” कि यूरेनियम अब भी ईरान में मौजूद है. इन तीनों पक्षों के विरोधाभासी दावे दुनिया को भ्रम की स्थिति में डाल दिया है.
गाजा संघर्ष और अब्राहम समझौता
इजरायल और हमास के बीच गाजा युद्ध अब लगभग खत्म होने के कगार पर है. अमेरिका, इजरायल, UAE और मिस्र के बीच हुए समझौतों के अनुसार, गाजा में एक संयुक्त प्रशासनिक सरकार का गठन प्रस्तावित है. इस कूटनीतिक पहल को अब्राहम समझौते के विस्तार के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना है.