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यूपी के किसानों को केले से अतिरिक्त आय का अवसर

यूपी के किसानों को केले से अतिरिक्त आय का अवसर
  • दस साल में केले का निर्यात दस गुना बढ़ा, 2013 में 2.7 करोड़ डॉलर से 2023-24 में 25.14 करोड़ डॉलर।
  • केला बना कुशीनगर का ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’, किसानों को मिल रहा अनुदान और प्रशिक्षण।
  • केंद्र का लक्ष्य: अगले दो-तीन वर्षों में केले का निर्यात बढ़ाकर 1 अरब डॉलर करना।
  • उत्तर प्रदेश के प्रमुख केला उत्पादक जिले: कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, और बाराबंकी।
  • योगी सरकार की पहल: 38,000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान और बेहतर कनेक्टिविटी से किसानों को लाभ।

लखनऊ, 30 दिसंबर 2024: उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए केला अब सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि बढ़ते निर्यात और सरकारी योजनाओं के चलते आर्थिक उन्नति का साधन बनता जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की पहल के चलते उत्तर प्रदेश के केला उत्पादक किसानों को बढ़ते निर्यात से बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में केले का निर्यात पिछले दस वर्षों में लगभग दस गुना बढ़ा है।

योगी सरकार की ओर से केले को कुशीनगर का ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ (ODOP) घोषित करना और किसानों को अनुदान और प्रशिक्षण प्रदान करना, इसे और अधिक प्रोत्साहन दे रहा है। इस दिशा में राज्य की बेहतर कनेक्टिविटी और आधुनिक सुविधाएं यूपी के किसानों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने में मददगार साबित हो रही हैं।

यूपी के केले की बढ़ती मांग

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बाराबंकी जैसे जिलों में केले की खेती प्रमुखता से की जाती है। पिछले एक दशक में उन्नत तकनीकों और नई प्रजातियों के प्रयोग से खेती की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार हुआ है। यही कारण है कि यूपी के केले की मांग देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ नेपाल और अन्य देशों में भी बढ़ रही है।

योगी सरकार द्वारा प्रति हेक्टेयर 38,000 रुपये का अनुदान और किसानों को केला प्रसंस्करण के लिए प्रशिक्षण देने जैसी योजनाएं इस क्षेत्र में किसानों की आय को कई गुना बढ़ा रही हैं।

निर्यात में जबरदस्त वृद्धि

केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2013 में भारत से केले का निर्यात मात्र 2.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर था, जो 2023-24 में बढ़कर 25.14 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया। अगले दो-तीन वर्षों में केले का निर्यात 1 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

भारत, जो कि विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश है, वैश्विक निर्यात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। फिलहाल भारत का वैश्विक निर्यात में हिस्सा सिर्फ 1% है, लेकिन हेल्दी फूड की बढ़ती मांग को देखते हुए इसे बढ़ाने की प्रबल संभावना है।

यूपी सरकार की पहल

उत्तर प्रदेश में केले की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए योगी सरकार लगातार कदम उठा रही है।

  • केले को प्रसंस्कृत कर उत्पाद बनाने पर जोर: केला रेशे, तने के जूस और अन्य उत्पादों के निर्माण के लिए किसानों को प्रशिक्षण और बाजार में एक्सपोजर दिया जा रहा है।
  • बेहतर कनेक्टिविटी: एक्सप्रेसवे, रेल और एयर कनेक्टिविटी से लैंड लॉक्ड राज्य उत्तर प्रदेश वैश्विक बाजारों से जुड़ने में सक्षम हुआ है।
  • सरकारी अनुदान: प्रति हेक्टेयर खेती पर अनुदान और केले को ODOP के तहत प्रोत्साहन देने से किसानों को सीधा फायदा मिल रहा है।

भारत का केला: उत्पादन और वैश्विक महत्व

भारत विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश है, जिसकी वैश्विक उत्पादन में 30% हिस्सेदारी है। भारत में लगभग 9.61 लाख हेक्टेयर भूमि पर केले की खेती की जाती है, जिससे 3.5 करोड़ मीट्रिक टन उत्पादन होता है।

हालांकि, वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी केवल 1% है। केंद्र सरकार द्वारा समुद्री मार्ग से फलों के निर्यात के लिए पायलट प्रोजेक्ट्स शुरू किए जा रहे हैं, जिनमें केला भी शामिल है।

यूपी के किसानों को लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार की पहल और केंद्र की योजनाओं का सबसे बड़ा लाभ यूपी के केला उत्पादक किसानों को होगा। कुशीनगर और आसपास के जिलों में केले की खेती में निवेश और तकनीकी सहायता किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें वैश्विक बाजार से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही है।

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