
- एम्स की तर्ज पर पीजीआई का विकास: नए विभाग खुलेंगे और चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध।
- टीबी रोगियों की नोटिफिकेशन में रिकॉर्ड: उत्तर प्रदेश ने 6.25 लाख मरीजों को नोटिफाई किया।
- स्वास्थ्य सेवाओं में एआई तकनीक: टेली मेडिसिन में सुधार और गर्भवती महिलाओं को निशुल्क अल्ट्रासाउंड।
- महाकुंभ 2025 की तैयारियां: 100 बेड का अस्पताल स्थापित और डॉक्टरों की तैनाती।
- राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों का सशक्तिकरण: 14 महाविद्यालयों में उपकरणों की खरीद के लिए 1,51,47,30,350 रुपये आवंटित।
लखनऊ, 28/12/2024: उत्तर प्रदेश में वर्ष 2024 स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियों का वर्ष रहा। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के नेतृत्व में राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने और आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई बड़े कदम उठाए। प्रदेश में एम्स की तर्ज पर पीजीआई के विकास से लेकर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत पंजीकरण में रिकॉर्ड कायम किया गया। स्वास्थ्य विभाग की इन उपलब्धियों ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। आइए, जानते हैं इन उपलब्धियों के बारे में विस्तार से।
एम्स की तर्ज पर पीजीआई का विकास
राज्य सरकार ने एम्स की तर्ज पर पीजीआई को विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। नए विभाग खोले जाएंगे, जिससे चिकित्सा सेवाओं में सुधार होगा। साथ ही चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। यह पहल उत्तर प्रदेश को चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
अयोध्या के रुदौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दंत रोगियों के इलाज के लिए डेंटल यूनिट की स्थापना की गई है। इसके लिए 5.82 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई। यह यूनिट दांतों की सभी बीमारियों का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों का सशक्तिकरण
प्रदेश के 14 स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सकीय उपकरणों की खरीद के लिए 1,51,47,30,350 रुपये का प्रावधान किया गया। प्रत्येक महाविद्यालय को प्रशासनिक फर्नीचर, बेड और अन्य सुविधाओं के लिए धन आवंटित किया गया। इन सुधारों से मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी।
टीबी रोगियों की संख्या में ऐतिहासिक नोटिफिकेशन
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश ने 6.25 लाख से अधिक टीबी मरीजों को नोटिफाई कर देश में एक रिकॉर्ड कायम किया। लखनऊ में 28,283 और आगरा में 27,231 मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया। यह उपलब्धि राज्य सरकार की क्षय रोग उन्मूलन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
स्वास्थ्य सेवाओं में एआई तकनीक का उपयोग
उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीकी रूप से उन्नत करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का उपयोग शुरू किया गया है। टेली मेडिसिन सेवाओं में सुधार और गर्भवती महिलाओं को निशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा प्रदान करने के लिए आईआईटी कानपुर, एसबीआई और फिक्की के साथ समझौता किया गया। यह पहल चिकित्सा सेवाओं में एक नई क्रांति लाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण और भविष्य की योजनाएं
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए पांच साल का ब्लू प्रिंट तैयार किया है। इसके तहत स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए बीएमजीएफ के साथ समझौता किया गया। यह योजना आने वाले वर्षों में राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र को और अधिक मजबूत करेगी।
बरेली और प्रयागराज में सीटी स्कैन सुविधा
स्वास्थ्य सुविधाओं को विस्तार देते हुए बरेली और प्रयागराज में सीटी स्कैन की सुविधा शुरू की गई। इन मशीनों का उद्घाटन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ऑनलाइन किया। इसके साथ ही प्रदेश के 71 जिलों में पीपीपी मॉडल पर सीटी स्कैन मशीनें स्थापित की गईं।
फैजुल्लागंज में संयुक्त चिकित्सालय की स्थापना
लखनऊ के फैजुल्लागंज क्षेत्र में 50 बेड के संयुक्त चिकित्सालय की नींव रखी गई। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। इस अस्पताल के निर्माण से आसपास के क्षेत्रों के लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सेवाएं प्राप्त होंगी।
अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा
प्रदेश के सभी अस्पतालों में अग्निशमन सुरक्षा को मजबूत किया गया है। नियमित मॉक ड्रिल और अत्याधुनिक उपकरणों से अस्पतालों को लैस किया गया है। इस पहल से मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
महाकुंभ 2025 के लिए स्वास्थ्य तैयारियां
महाकुंभ 2025 के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारियां की हैं। परेड स्थल पर 100 बेड का अस्थायी अस्पताल स्थापित किया गया है। इस अस्पताल में 28 श्रेणियों के कुल 231 चिकित्सकों की तैनाती की गई है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में 4.7 करोड़ पंजीकरण किए गए। इनमें से 1.24 करोड़ पंजीकरण अकेले यूपी में हुए। देशभर में सबसे अधिक ओपीडी पंजीकरण वाले 25 अस्पतालों में 15 उत्तर प्रदेश के हैं। यह उपलब्धि राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की मजबूती को दर्शाती है।
अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियां
- मेडिकल शिक्षा का विस्तार: प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई को मंजूरी दी गई।
- टीबी ट्रेनिंग सेंटर: लखनऊ और गोरखपुर में स्टेट टीबी ट्रेनिंग डेमोंस्ट्रेशन सेंटर की स्थापना की घोषणा।
- फेफड़ा प्रत्यारोपण की सुविधा: केजीएमयू में फेफड़ा प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से वार्ता जारी।
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के लिए योजना: मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से निपटने के लिए विशेष समिति का गठन किया गया।