
- महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की साइबर सुरक्षा के लिए 56 साइबर योद्धा तैनात किए गए हैं, और एसएसपी महाकुम्भनगर द्वारा डिजिटल महाकुम्भ की पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुम्भनगर के सभी थानों में स्पेशल साइबर हेल्प डेस्क बनाई जा रही है, जिसमें एक्सपर्ट तैनात किए गए हैं।
- श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए मेला क्षेत्र और कमिश्नरेट में 40 वीएमडी (वैरिएबल मैसेजिंग डिस्प्ले) लगाए जाएंगे।
- महाकुम्भ साइबर थाना बनाया गया है, जो फर्जी वेबसाइटों और ऑनलाइन ठगी के खिलाफ कार्रवाई करेगा, और श्रद्धालुओं को सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक करेगा।
- साइबर ठगों के खिलाफ विशेष एक्शन लिया जाएगा, और ऑनलाइन सुरक्षा के लिए मोबाइल साइबर टीम भी सक्रिय रहेगी।

लखनऊ, 26 दिसंबर 2024 – उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन, लखनऊ में प्रमुख समाचार-पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों से संवाद किया। इस अवसर पर पत्रकारों ने राज्यपाल से विभिन्न मुद्दों पर सवाल किए, और राज्यपाल ने अपनी विचारशील और स्पष्ट उत्तरों के माध्यम से संवाद को एक सार्थक दिशा दी। इस संवाद कार्यक्रम में अनौपचारिक चर्चा का भी दौर चला, जिससे विभिन्न विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के प्रमुख विचार:
1. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार:
राज्यपाल जी ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही, उन्होंने विश्वविद्यालयों में शोध और नवाचार को बढ़ावा देने की बात की, ताकि विद्यार्थी केवल प्रमाण पत्र प्राप्त करने तक सीमित न रहें, बल्कि उनकी शिक्षा उनकी करियर की दिशा को भी बेहतर बनाये। राज्यपाल जी ने यह भी बताया कि प्रदेश के विश्वविद्यालय अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और इस दिशा में निरंतर सुधार हो रहा है।
2. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन:
राज्यपाल जी ने उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के प्रदर्शन पर गर्व जताया और बताया कि नैक और एनआईआरएफ रैंकिंग में प्रदेश के विश्वविद्यालय अब उत्कृष्ट स्थान पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा डिजिलॉकर जैसी डिजिटल पहल को अपनाया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों का समय और धन बच रहा है, और डिग्रियां ऑनलाइन उपलब्ध हो रही हैं।
3. उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाना:
राज्यपाल जी ने उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए किए जा रहे निरंतर प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कई कदम उठा रही है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इस समय कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की जा रही हैं, जो विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने में सहायक हो रही हैं।
4. महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि:
आर्गेनिक खेती के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की बात करते हुए राज्यपाल जी ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। आर्गेनिक खेती में महिलाओं का योगदान न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद साबित हो रहा है। यह एक अहम पहल है, जो समाज में महिलाओं की भूमिका को मजबूत बनाती है।
5. समाज की भलाई के लिए निरंतर प्रयास:
राज्यपाल जी ने अपनी भूमिका को समाज की भलाई के लिए एक मंच के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि राजभवन को एक ऐसा प्लेटफार्म माना जाता है जहां से शिक्षा, स्वास्थ्य, और जनसेवा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। अनुशासन और समर्पण के साथ किए गए कार्यों से ही समाज में सकारात्मक बदलाव संभव हो सकता है, और राज्यपाल जी ने इसे अपनी प्राथमिकता माना है।
6. गुजरात मॉडल और यूपी मॉडल में अंतर:
गुजरात और उत्तर प्रदेश के विकास मॉडल की तुलना करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि दोनों राज्यों के भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियां अलग हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल ने अपनी अलग पहचान बनाई है, लेकिन उत्तर प्रदेश में भी तेजी से प्रगति हो रही है। राज्यपाल जी ने यह बताया कि यूपी में शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यटन के क्षेत्र में सुधार हो रहा है, और प्रदेश की विविधता तथा स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग इसे और अधिक प्रभावी बना रहा है।
7. टीबी मुक्त अभियान:
राज्यपाल जी ने ‘टीबी मुक्त अभियान’ की सफलता की चर्चा की, जो पहले मध्य प्रदेश में लागू हुआ था और अब उत्तर प्रदेश में भी सफलतापूर्वक चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान को प्रधानमंत्री जी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की घोषणा की गई है, जिससे टीबी से पीड़ित लोगों को बेहतर इलाज मिल रहा है और इस बीमारी के उन्मूलन में मदद मिल रही है।
8. महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रयास:
राज्यपाल जी ने प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने और बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कर स्कूलों में दाखिला दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान और महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की बात की गई।
9. राजभवन के नवाचार:
राज्यपाल जी ने राजभवन में हो रहे नवाचारों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजभवन में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्थान के लिए कई नए कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जो प्रदेश के विकास में योगदान कर रहे हैं। इनमें डिजिटल पहलें, विश्वविद्यालयों की रैंकिंग सुधारने, और पाठ्यक्रम में समानता सुनिश्चित करने के प्रयास शामिल हैं।
संवाद कार्यक्रम का समापन:
कार्यक्रम की शुरुआत अपर मुख्य सचिव डॉ. सुधीर महादेव बोबडे के स्वागत भाषण से हुई, जिन्होंने बताया कि यह संवाद राज्यपाल जी की पहल पर आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, और सामाजिक सुधारों की जानकारी साझा करना था। इसके साथ ही, उन्होंने राजभवन द्वारा किए गए कई महत्वपूर्ण प्रयासों, जैसे टीबी मरीजों के लिए पोषण सामग्री और देखभाल कार्यक्रम, सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण अभियान, और महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जानकारी दी।
समाप्ति पर राज्यपाल जी ने पत्रकारों को ‘लोकहित के मुखर स्वर’ और ‘हमारा राजभवन’ जैसी पुस्तकों और त्रैमासिक पत्रिका ‘उमंग’ का उपहार दिया। इसके बाद, सभी पत्रकारों ने राजभवन का भ्रमण किया और वहां किए गए नवाचारों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
इस संवाद कार्यक्रम ने राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के स्पष्ट और प्रेरणादायक उत्तरों के माध्यम से प्रदेश में हो रहे सकारात्मक बदलावों को उजागर किया। यह कार्यक्रम प्रदेश के सामाजिक, शैक्षिक, और स्वास्थ्य सुधारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक बनकर सामने आया।