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डॉ. राजेश्वर सिंह की 35वीं रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा: शारदा नगर के राम भक्तों के लिए एक दिव्य अनुभव

डॉ. राजेश्वर सिंह की 35वीं रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा: शारदा नगर के राम भक्तों के लिए एक दिव्य अनुभव
  • रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा हर महीने दो बार सरोजनीनगर के श्रद्धालुओं को निःशुल्क अयोध्या दर्शन का अवसर प्रदान करती है।
  • यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को भोजन, जलपान, स्वास्थ्य सुविधाएं और दर्शन की व्यवस्था की जाती है, ताकि वे यात्रा का पूर्ण आनंद ले सकें।
  • यात्रा की शुरुआत डॉ. राजेश्वर सिंह की माँ तारा सिंह की प्रेरणा से 27 सितंबर 2022 को हुई थी, जो अब समाज में श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बन चुकी है।
  • अयोध्या में प्रमुख मंदिरों में दर्शन और प्रसाद, श्रीरामचरितमानस और अंग वस्त्र प्रदान किए जाते हैं, ताकि श्रद्धालु इसे एक दिव्य अनुभव मानें।
  • डॉ. राजेश्वर सिंह का मानना है कि वृद्धजन समाज की धरोहर हैं और उनका सम्मान करना एक जनप्रतिनिधि का सर्वोपरि कर्तव्य है।

लखनऊ, 23 दिसम्बर 2024: राजधानी लखनऊ की सरोजनीनगर विधानसभा से जनप्रिय भा.ज.पा. विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा संचालित रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा का रूप ले चुकी है, बल्कि यह समाज में एकता, श्रद्धा और भक्ति की अद्वितीय मिसाल भी बन गई है। यह यात्रा सरोजनीनगर के श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बन चुकी है, विशेष रूप से उन वृद्धजन, महिलाओं और समाज के अन्य वर्गों के लिए जो प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए अपनी इच्छाओं और आस्थाओं को साकार करने का सपना देखते हैं। हर माह में दो बार आयोजित की जाने वाली यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाली एक प्रेरणादायक पहल भी है।

सोमवार को रजनी खंड, शारदा नगर से 35वीं रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। यात्रा में हर उम्र के लोग, खासकर बुजुर्ग और महिलाएं, उत्साह के साथ शामिल हुए। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के चेहरे पर आस्था और भक्ति की गहरी छाप देखी गई, जो अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन के प्रति उनकी प्रबल अभिलाषा को स्पष्ट रूप से दर्शाती थी। यात्रा का हर पल एक दिव्य अनुभव था, जिसमें हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक शांति और संतोष का अहसास हुआ। यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभूति बन चुकी है, जो श्रद्धालुओं के दिलों में श्रद्धा और विश्वास को प्रगाढ़ करती है।

यात्रा के दौरान की गई व्यवस्थाएं:

डॉ. राजेश्वर सिंह की टीम ने यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की हर आवश्यकता का विशेष ध्यान रखा। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए यात्रा मार्ग में भोजन, जलपान, और स्वास्थ्य सुविधाओं का समुचित प्रबंध किया गया था, ताकि किसी भी श्रद्धालु को यात्रा के दौरान कोई असुविधा न हो। उनके स्वागत में बसों में बैठने से लेकर उन्हें अयोध्या पहुंचने तक हर प्रकार की सुविधा का ध्यान रखा गया। यात्रा के दौरान, अयोध्या में प्रमुख मंदिरों, जैसे राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और अन्य मंदिरों में दर्शन की व्यवस्था की गई, ताकि श्रद्धालुओं को इन पवित्र स्थलों का दर्शन आसानी से हो सके। इसके अलावा, प्रत्येक श्रद्धालु को प्रसाद, श्रीरामचरितमानस और अंग वस्त्र प्रदान किए गए, जो उन्हें श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक बने।

रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा की शुरुआत:

यह निःशुल्क बस सेवा 27 सितंबर 2022 को डॉ. राजेश्वर सिंह की माँ तारा सिंह की प्रेरणा से शुरू की गई थी। डॉ. सिंह का मानना था कि समाज में वृद्धजन एक अमूल्य धरोहर होते हैं और उनका सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है। इस विचार के साथ ही उन्होंने इस यात्रा की शुरुआत की, ताकि अधिक से अधिक वृद्धजन और अन्य श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन कर सकें। इस यात्रा ने न केवल धार्मिक रूप से बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समरसता को भी बढ़ावा दिया है। आज यह यात्रा सरोजनीनगर परिवार के लिए एक आस्था, विश्वास और समर्पण का प्रतीक बन चुकी है, जो समाज के सभी वर्गों को एकजुट करती है।

डॉ. राजेश्वर सिंह का संदेश:

इस यात्रा के संदर्भ में डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा, “हमारी समाज के वृद्धजन समाज की धरोहर हैं और उनका सम्मान करना एक जनप्रतिनिधि का सर्वोपरि कर्तव्य है। प्रभु श्रीराम के असीम आशीर्वाद और सरोजनीनगर के लोगों के अपार स्नेह और समर्थन से यह रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा निरंतर जारी रहेगी, ताकि हर वृद्धजन को प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समर्पण, एकता और विश्वास का भी एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करती है।” उनके इस संदेश में यह स्पष्ट होता है कि इस यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक यात्रा करना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को एक साथ लाकर समाज में सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक जागरूकता का प्रसार करना है।

समाज में यात्रा का प्रभाव:

रामरथ श्रवण अयोध्या यात्रा अब सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव बन चुकी है, जो सरोजनीनगर के लोगों को एकजुट करती है। यह यात्रा श्रद्धा, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है, जो हर श्रद्धालु को प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का अवसर प्रदान करती है। यह न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन की तरह समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने का कार्य भी कर रही है। इस यात्रा से जहां एक ओर लोग धार्मिक आस्था से जुड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह समाज में सामाजिक समरसता और एकता को भी मजबूत कर रही है।

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