
- 11 विभूतियों को सम्मान: लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा 2024 में 11 प्रमुख हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा।
- कार्यक्रम का उद्देश्य: लोक कला, भाषा और संस्कृति का संरक्षण और प्रचार।
- कार्यक्रम की तारीखें: 28 और 29 दिसंबर, 2024।
- स्थान: अलीगंज, लखनऊ।
- लोक भाषाओं पर ध्यान: अवधी, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेली, कन्नौजी, कुमाऊंनी और गढ़वाली पर विशेष चर्चा।
लखनऊ, 21 दिसम्बर 2024: लोक संस्कृति शोध संस्थान ने अपने वार्षिक सम्मान कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2024 के पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की है। रविवार को आयोजित बैठक के बाद संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष 11 प्रतिष्ठित हस्तियों को लोक संस्कृति सम्मान प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने लोक संस्कृति के संरक्षण, संवर्द्धन और प्रचार-प्रसार में अतुलनीय योगदान दिया है।
इस वर्ष सम्मानित होने वाले प्रमुख नामों में लखनऊ विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. कैलाश देवी सिंह और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक डॉ. अनिल मिश्र शामिल हैं। इन सम्मानित विभूतियों के साथ ही अन्य 9 विशिष्ट व्यक्तियों को भी उनके कार्यों के लिए विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा।
सम्मान समारोह का आयोजन और उद्देश्य
लोक संस्कृति शोध संस्थान का यह कार्यक्रम 28 और 29 दिसंबर को लखनऊ के अलीगंज स्थित कमर्शियल पॉकेट ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्देश्य लोकभाषाओं, लोक साहित्य और क्षेत्रीय लोकजीवन की समृद्ध परंपरा को बढ़ावा देना है। इस दौरान अवधी, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेली, कन्नौजी, कुमाऊंनी और गढ़वाली जैसी भाषाओं पर गहन चर्चा होगी। साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी, जो लोक संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को उजागर करेंगी।
सुधा द्विवेदी ने बताया कि यह सम्मान उन लोगों को दिया जाता है जो अपने क्षेत्र में लोक कला और संस्कृति को संरक्षित रखते हुए समाज को प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा, “यह आयोजन न केवल लोक संस्कृति के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम है बल्कि नई पीढ़ी को इसकी समृद्ध धरोहर से परिचित कराने का प्रयास भी है।”
सम्मान पाने वाली विभूतियां और उनकी श्रेणियां
- प्रो. कमला श्रीवास्तव स्मृति लोक संस्कृति सम्मान: रत्ना शुक्ला।
- पद्मश्री डॉ. योगेश प्रवीन स्मृति लोक संस्कृति सम्मान: डॉ. विनीत सिन्हा।
- आरती पांडेय स्मृति लोक संस्कृति सम्मान: गीता शुक्ला।
- प्रभा श्रीवास्तव स्मृति लोक संस्कृति सम्मान: उमा त्रिगुणायत।
- शोभा देवी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान: ज्योति किरन रतन।
- रमावती देवी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान: मंजू श्रीवास्तव।
- सावित्री देवी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान: सीमा अग्रवाल।
- जे.पी. लम्बोदर स्मृति लोक संस्कृति सम्मान: डॉ. अनिल मिश्र।
- सीताराम तिवारी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान: सर्वेश माथुर।
- पद्मश्री डॉ. विद्याविंदु सिंह लोक संस्कृति ध्वजवाहक सम्मान: प्रो. कैलाश देवी सिंह।
- डॉ. रामबहादुर मिश्र लोक संस्कृति ध्वजवाहक सम्मान: सौरभ कुमार कमल।
लोक विमर्श के विशेष आकर्षण
इस आयोजन का मुख्य आकर्षण विभिन्न भाषाओं और उनकी संस्कृति पर आधारित परिचर्चाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। यह कार्यक्रम लोक संस्कृति के ध्वजवाहकों के कार्यों को सम्मानित करने के साथ-साथ भविष्य में इसके संवर्द्धन और प्रचार-प्रसार के लिए प्रेरणा देने का मंच बनेगा।