
- विवेक पाण्डेय के संयोजन में हुआ सुंदरकांड का पाठ, हनुमत क्विज और भजन गायन,
- झारखंड की वायरल गर्ल स्नेहल सोनी साचु भी बनी आकर्षण का केन्द्र
- 13 व 14 अप्रैल को लखनऊ के बलरामपुर गार्डेन में हनुमत भक्ति में सराबोर दो दिवसीय आयोजन हुआ

लखनऊ: श्री राम हनुमत महोत्सव का दो दिवसीय भव्य आयोजन हनुमत सेवा समिति की ओर से 13 और 14 अप्रैल को अशोक मार्ग स्थित बलरामपुर गार्डन में किया गया।
इसके पहले दिन सुंदरकांड, सम्मान समारोह, सत्संग, हनुमत झांकी और विश्वविख्यात हनुमत संग्रहालय के दर्शन ने भक्तों को श्रीराम हनुमत भक्ति से सराबोर कर दिया।

हनुमत सेवा समिति द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य रूप से आनंद होम्यो केयर, लालबाग- लखनऊ के जाने माने होम्योपैथी चिकित्सक डॉ०पीयूष शुक्ला और सहारा समय, लखनऊ के सीनियर वीडियो जर्नलिस्ट सत्येन्द्र राय को लखनऊ में “हनुमत कृपा सम्मान” से सम्मानित किया गया।

विवेक पाण्डेय के संयोजन में ही रविवार 14 अप्रैल को सुंदरकांड का पाठ, हनुमत क्विज, भजन गायन, बनारस की गंगा आरती के साथ ही झारखंड से आई वायरल गर्ल स्नेहल सोनी साचु का सुमधुर भजन गायन भी हुआ।

आयोजन स्थल में सच्चे फूलों के श्रंगार के साथ अलंकृत राम दरबार आगंतुकों को खासा पसंद आया। इसके साथ ही भक्तों ने मंच पर विराजमान हनुमान जी महाराज के मूर्त स्वरूप के भी दर्शन लाभ अर्जित किये। दूसरी ओर आगंतुक लिम्का और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कृष्ण कुमार चौरसिया के संग्रह की प्रदर्शनी में भी खासी दिलचस्पी दिखायी। उस संग्रह में चालीस हजार से अधिक हनुमान महाराज की तस्वीरें, मूर्तियां, सिक्कें, पेन्टिंग और पुस्तकें प्रदर्शित की गई थीं।

महोत्सव के दूसरे दिन रविवारीय 14 अप्रैल को मंगलाचरण के बाद शाम को नई दिल्ली से आमंत्रित विश्वविख्यात स्वर सम्राट, अजय याग्निक द्वारा सुण्दरकाण्ड का सस्वर सामूहिक पाठ किया गया। वरिष्ठ पत्रकार और मंच संचालक प्रेम कान्त तिवारी ने रामायण और हनुमान जी महाराज पर आधारित ज्ञानवर्धक “हनुमत क्विज” आयोजित की। उसके उपरांत सुमधुर भजन गायक डॉ. विवेकानंद पाण्डेय द्वारा हनुमत भजनों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।

उन्होंने “आओ हे हनुमान महाकपी, जय बजरंग बली” जैसे कई सरस भजन सुनाए। झारखंड से आमंत्रित सोशल मीडिया पर अत्यंत लोकप्रिय नन्हीं प्रख्यात भजन गायिका स्नेहल सोनी साचु द्वारा भजनों की अमृत वर्षा की गई। उसने “दुनिया में देव हजारों है बजरंगबली तेरा क्या कहना” भजन सुनाए। अंत में वाराणसी में होने वाली गंगा की महाआरती की गई। उसके बाद फलहार और दिव्य हनुमत भंडारा हुआ।