
नई दिल्ली/लखनऊ, 12 दिसंबर 2024: मोदी सरकार ने गुरुवार को देश के चुनावी इतिहास में बड़ा कदम उठाते हुए वन नेशन, वन इलेक्शन (एक राष्ट्र, एक चुनाव) प्रस्ताव को अपनी कैबिनेट की मंजूरी दे दी। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस विधेयक को शीतकालीन सत्र में संसद में पेश कर सकती है।
वन नेशन, वन इलेक्शन पर शिवराज सिंह चौहान का बयान
इससे पहले, बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन नेशन, वन इलेक्शन की वकालत करते हुए देश में बार-बार होने वाले चुनावों से होने वाले नुकसान पर प्रकाश डाला। कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति कर रहा है, लेकिन बार-बार चुनाव देश के विकास में बड़ी बाधा हैं। चुनाव की तैयारियां पूरे पांच साल चलती रहती हैं, जिससे अन्य महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होते हैं।”
रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी रिपोर्ट
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने इस वर्ष मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को वन नेशन, वन इलेक्शन पर 18,626 पृष्ठों की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में प्रस्तावित चुनाव प्रणाली के फायदे और चुनौतियों का व्यापक अध्ययन किया गया।
जीडीपी में वृद्धि की संभावना
रामनाथ कोविंद ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन देश की अर्थव्यवस्था को 1 से 1.5 प्रतिशत तक बढ़ाने में सक्षम है। उन्होंने इसे देश के लिए एक बड़ा बदलाव बताते हुए कहा,
“यह व्यवस्था लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराएगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।”
क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन?
इस प्रस्ताव के तहत, देश में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इससे चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा और विकास कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी।
अगले कदम
मोदी सरकार इस विधेयक को जल्द ही संसद में पेश करेगी। यदि यह विधेयक पारित होता है, तो यह देश के चुनावी इतिहास में एक नई शुरुआत होगी।