
- यादव चौराहे से लेकर आईआईएम चौराहे के आसपास खड़ी होती हैं ओवरलोड ट्रकें
- शहर के अंदर ओवरलोड वाहनों के चलते होते हैं बड़े-बड़े सड़क हादसे
- जिम्मेदार किसी बड़ी घटना का कर रहे इंतजार
- जिम्मेदारों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा
- पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के उत्तरी व पश्चिमी ज़ोन की सीमा में आती है आईआईएम रोड
लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दुबग्गा से लेकर भिटौली तक पूरी आईआईएम रोड में 10 चक्का ट्रक से लेकर 22 चक्का हाईवा तक पूरे रोड में अलग-अलग थानाक्षेत्र में ओवरलोड खड़े रहते हैं और स्थानीय पुलिस व परिवहन विभाग के जिम्मेदार हांथ पर हांथ धरे बैठे रहते हैं और अपने सरकारी दफ्तर के एसी केबिन में ठंडी हवा का आनंद लेते हैं। क्योंकि शहर के अंदर अलग अलग जगहों में सज रही अवैध मोरंग मंडियों से ही ये ओवरलोड भारी वाहन अलग अलग गंतव्य के लिए कूच करते हैं और शहर के अंदर ही अनलोड भी होते हैं लेकिन जिम्मेदार हरी पत्ती के आगे नतमस्तक हैं।
लखनऊ में आईआईएम रोड के सीमा की बात करें तो हरदोई रोड के दुबग्गा चौराहे के पास से लगी हुई सिक्सलेन सड़क जोकि दुबग्गा थाने से शुरू होकर गोमती नदी में बने घैला पुल से होते हुए, यादव चौराहा, आईआईएम चौराहा से होते हुए भिटौली तिराहे तक है। अब अगर आप आईआईएम रोड में सुबह 3 बजे के बाद कभी भी निकलेंगे तो पाएंगे कि दुबग्गा चौराहे से लेकर भिटौली तिराहे तक सड़क के दोनों तरफ खासतौर से आईआईएम चौराहे के आसपास तो ओवरलोड वाहनों की पूरी की पूरी मंडी ही सजती है। यहां बने सीएनजी पंप के अंदर तक गाड़ियां खड़ी रहती हैं।
अब अगर पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के ज़ोन के मुताबिक बात करें तो दुबग्गा थाने से लेकर आधे घैला पुल तक की सीमा पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के पश्चिमी ज़ोन में आती है तो वहीं आधे पुल से लेकर भिटौली तिराहे तक की सीमा पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के उत्तरी ज़ोन में आती है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि इतना ज्यादा मात्रा में ओवरलोड होकर वाहन राजधानी लखनऊ जैसे शहर में इंट्री कैसे पाता है क्योंकि शहर में तो चारों तरफ बहुत ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी है। तो ऐसे में एक बात तो निश्चित हो जाती है कि अगर कुछ भी अनैतिक हो रहा है तो उसमें जिम्मेदार ही पूरी तरह से इन्वॉल्व हैं।
अवैध मोरंग मंडी की जानकारी नहीं थी पुलिस के साथ मिलकर जल्द करेंगे ठोस कार्रवाई- एआरटीओ प्रवर्तन अमित रंजन राय
लखनऊ के आईआईएम रोड में सज रही अवैध मोरंग मंडी व ओवरलोड भारी वाहनों के सम्बन्ध में जब लखनऊ के एआरटीओ प्रवर्तन अमित रंजन राय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बाबत जानकारी नहीं थी लेकिन उन्होंने कहा कि इस पर यह भी स्पष्ट करना चाहूंगा कि अगर ओवरलोड वाहन संचालन की स्थिति में पाया जाता है तो उसके खिलाफ हम लोग कार्रवाई कर सकते हैं और करते भी हैं लेकिन अगर वही वाहन उसी कंडीशन में कहीं खड़ा हुआ है तो ऐसे में चालक द्वारा यह भी बहानेबाजी की जाती है कि यह माल हमने दो गाड़ियों का रखा हुआ है। जिस सम्बन्ध में स्थानीय पुलिस चाहे तो कार्रवाई कर सकती है यह सिर्फ पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में ही संभव है। यहां पर परिवहन विभाग की नियमावली में संशोधन की आवश्यकता है जिससे हम ओवरलोड वाहनों के संचालन में ठोस कार्रवाई कर सकें। उन्होंने कहा कि हम स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय कर जल्द ही इस दिशा में कोई बड़ी कार्रवाई करेंगे और शहर के अंदर संचालित हो रही इस अवैध मोरंग मंडी को बन्द करवाएंगे।