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यूपी में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद के लिए 6,414 क्रय केन्द्र संचालित: मुख्य सचिव

  • मुख्य सचिव तथा केंद्रीय सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति ने संयुक्त रूप से गेहूं खरीद की समीक्षा की
  • समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि बीते वर्षों में क्रय केन्द्रों पर गेहूं अथवा धान विक्रय करने वाले किसानों को पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं
  • केन्द्र प्रभारियों के मोबाइल पर मिस्डकॉल करके पंजीकरण, एमएसपी, विक्रय के उपरांत 48 घंटे में भुगतान, बटाईदारों से खरीद तथा क्रय केन्द्रों पर किसानों को प्रदान की जा रही सुविधाओं आदि के बारे में जागरूक करने के निर्देश

लखनऊः मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र तथा केंद्रीय सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति संजीव चोपड़ा ने गेहूं खरीद की गहन समीक्षा की। बैठक में प्रदेश में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चर्चा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने गेहूं खरीद के लिए किसानों के पंजीकरण की संख्या बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि क्रय केन्द्र पर किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिये। गत वर्षों में क्रय केन्द्रों पर गेहूं अथवा धान विक्रय करने वाले किसानों को पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है, केन्द्र प्रभारियों के मोबाइल नम्बर पर मिस्डकॉल करके पंजीकरण, एमएसपी, विक्रय के उपरांत 48 घंटे में भुगतान, बटाईदारों से खरीद तथा क्रय केन्द्रों पर किसानों को प्रदान की जा रही सुविधाओं आदि के बारे में जागरूक किया जाये। प्रमुख समाचार पत्रों में विज्ञापन, रेडियो जिंगल तथा प्रचार वाहन के माध्यम से गेहूं क्रय योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।
उन्होंने कहा कि जनपदों में केन्द्र प्रभारियों व अधिकारियों द्वारा गांव-गांव भ्रमण कर गेहूं विक्रय के लिए किसानों से व्यक्तिगत संपर्क स्थापित किया जाये। तहसील दिवस, किसान गोष्ठी, चौपाल आदि में कैम्प अथवा स्टॉल लगाकर कृषक पंजीकरण कराया जाये। प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर बैनर होर्डिंग लगाकर किसानों को गेहूँ की एम०एस०पी० व अन्य सुविधाओं के बारे में जागरूक किया जाए। इसके अलावा ऐसे किसानों जिन्होंने पूर्व में गेहूं अथवा धान विक्रय किया है, उनसे कॉल सेन्टर व कन्ट्रोल रूम से विक्रय हेतु संपर्क स्थापित किया जाये।
बैठक में बताया गया कि 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद के लिए 6,414 क्रय केन्द्र संचालित हैं, जो गत वर्ष की तुलना में 600 अधिक हैं। अब तक 2,82,315 किसान पंजीकृत करा चुके है। केन्द्र पर दैनिक खरीद की कोई सीमा नहीं है। मोबाइल क्रय केन्द्र के माध्यम से भी गेहूं खरीद की जा रही है। एक जनपद का किसान किसी अन्य जनपद में भी गेहूं विक्रय कर सकता है। 100 कुंतल तक गेहूं बिक्री करने वाले किसानों को सत्यापन से छूट प्रदान की गई है। किसान की एक से अधिक तहसीलों में भूमि होने की स्थिति में भी एक साथ क्रय सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
गेहूँ क्रय योजना के अनुश्रवण एवं सुचारूरूप से संचालन हेतु शासन स्तर से प्रदेश के सभी सम्भाग में नोडल अधिकारी नामित कर जनपदों का भ्रमण तथा प्राप्त फीड बैक के अनुसार अपेक्षित कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश स्तर पर अपर आयुक्त खाद्य एवं रसद की अध्यक्षता में क्रय एजेन्सियों के प्रतिनिधियों के साथ समिति गठित कर गेहूँ खरीद की समीक्षा की जा रही है।
जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में क्रय एजेन्सियों के अधिकारी व मण्डी परिषद के अधिकारियों की कमेटी गठित कर गेहूँ की आवक व बाजार भाव की समीक्षा व निगरानी कर गेहूँ खरीद की प्रगति लाने के सम्बन्ध में कार्यवाही की जा रही है। 25 लाख किसानों के मोबाईल नम्बरों पर प्रदेश मुख्यालय से तथा 80 लाख किसानों को जनपद स्तर पर कृषि विभाग के माध्यम से गेहूँ खरीद के सम्बन्ध में एस०एम०एस० प्रेषित किया गया है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद आलोक कुमार, खाद्य आयुक्त सौरभ बाबू समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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