
- भगवान बुद्ध के उपदेश शांति, त्याग और तपस्या के प्रतीक हैं।
- उत्तर प्रदेश में सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती जैसे स्थलों का विकास हो रहा है।
- कौशाम्बी में विपश्यना केंद्र का निर्माण अंतिम चरण में है।
- भगवान बुद्ध के विचार विश्व शांति और जीवन सुधार के लिए प्रासंगिक हैं।
- समारोह में कई निर्माण परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया।

लखनऊ, 30 नवम्बर 2024: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेश और उनके दिखाए शांति के मार्ग आज की दुनिया के लिए अत्यधिक प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध का त्याग, तपस्या और शांति का संदेश पूरी दुनिया को प्रेरणा देता है। शनिवार को लखनऊ के ग्राम पंचायत मवई पड़ियाना स्थित शाक्यमुनि बुद्ध विहार और भिक्षु प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित श्रामेरण प्रशिक्षण शिविर और धम्म देशना (मेडिटेशन) के समापन समारोह को संबोधित करते हुए, श्री मौर्य ने शांति और समर्पण की महत्ता पर जोर दिया।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री न केवल शांति का संदेश दे रहे हैं बल्कि इसे अपने कार्यों से सिद्ध भी कर रहे हैं। “दुनिया ने युद्ध दिया, भारत ने बुद्ध दिया,” इस बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार में भगवान बुद्ध का एक अनुयायी होना चाहिए।
बुद्ध से जुड़े स्थलों का हो रहा है विकास
श्री मौर्य ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि सारनाथ, कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कौशाम्बी और संकिसा जैसे ऐतिहासिक स्थलों का विकास किया जा रहा है। कौशाम्बी में बन रहा विपश्यना केंद्र अब अपने अंतिम चरण में है। मठ और स्तूपों के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटक सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है।
बुद्ध के संदेशों का प्रचार पूरे विश्व में
उप मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भगवान बुद्ध के उपदेश और उनके शांति के मार्ग को विश्वभर में फैलाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बुद्ध से जुड़े स्थलों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है ताकि विश्वभर से अनुयायी उत्तर प्रदेश आएं।
भगवान बुद्ध के विचार आज भी प्रासंगिक
अपने संबोधन में श्री मौर्य ने बताया कि भगवान बुद्ध ने तीन बातों पर विशेष ध्यान देने को कहा था—इच्छाओं का त्याग, क्रोध पर नियंत्रण और ज्ञान का विस्तार। उन्होंने लोगों से भगवान बुद्ध के इन उपदेशों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।
समारोह के दौरान उप मुख्यमंत्री ने विभिन्न निर्माण परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य राम चंद्र प्रधान, भिक्षु नीलरतन, और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।