
- उत्तर प्रदेश सरकार ने फॉर्च्यून ग्लोबल-500 कंपनियों को आकर्षित करने के लिए नई बल्क लैंड अलॉटमेंट पॉलिसी का मसौदा तैयार किया।
- 100% एफडीआई और 100 करोड़ से अधिक पूंजी निवेश वाली कंपनियों को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।
- औद्योगिक क्षेत्रों में प्लग एंड प्ले सुविधाओं और प्राइवेट इंडस्ट्रियल जोन का होगा विकास।
- तीन श्रेणियों में परियोजनाओं को वर्गीकृत कर भूमि आवंटन में तेजी लाई जाएगी।
- इन्वेस्ट यूपी नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करते हुए भू-आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगी।
लखनऊ, 21 नवंबर 2024: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को औद्योगिक केंद्र बनाने और बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नई बल्क लैंड अलॉटमेंट पॉलिसी का मसौदा तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस पॉलिसी का उद्देश्य फॉर्च्यून ग्लोबल-500, फोर्ब्स ग्लोबल-2000 और , वाली कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और 100 करोड़ रुपये से अधिक के पूंजी निवेश वाली कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
पॉलिसी के प्रमुख लाभ
- फॉर्च्यून ग्लोबल-500 जैसी कंपनियों के लिए विशेष सुविधाएं:
लैंड पार्सल चयन, भू-आवंटन और अन्य बुनियादी ढांचे से संबंधित प्रक्रियाओं को फास्ट-ट्रैक करने के लिए आईआईडीसी स्तर पर समिति का गठन किया गया है। - औद्योगिक क्षेत्रों के विकास पर जोर:
प्लग एंड प्ले इंडस्ट्रियल जोन, इनोवेशन सेंटर्स और लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के निर्माण को प्राथमिकता मिलेगी। - दिग्गज कंपनियों के निवेश प्रस्तावों को गति:
सिंगापुर की सेंबकॉर्प, जापान की एपीएसईजेड और मारुबेनी जैसी कंपनियों ने राज्य में निवेश करने की रुचि दिखाई है। - विशेष श्रेणियों में परियोजनाओं की वरीयता:
201-750 करोड़ के निवेश पर 100-200 एकड़ भूमि, 751-1500 करोड़ पर 201-300 एकड़, और 1500 करोड़ से अधिक निवेश पर 301 एकड़ से अधिक भूमि आवंटित की जाएगी। - एफडीआई और राजस्व आधारित प्रोत्साहन:
3 वित्तीय वर्षों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के औसत राजस्व वाली कंपनियों को भी इस पॉलिसी का लाभ मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य को देश का ‘मोस्ट फेवर्ड डेस्टिनेशन’ बनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। फॉर्च्यून ग्लोबल-500, फोर्ब्स ग्लोबल-2000 और एशिया बेस्ट 200 में शामिल कंपनियों को राज्य में भूमि आवंटन में सहूलियत देने के लिए बल्क लैंड अलॉटमेंट पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।
लैंड अलॉटमेंट प्रक्रिया को आसान बनाने की तैयारी
इस पॉलिसी के तहत, प्रदेश में बड़े निवेश वाली परियोजनाओं को प्राथमिकता मिलेगी। औद्योगिक भूमि का आवंटन और प्लग एंड प्ले सुविधाओं का विकास तेजी से किया जाएगा। लैंड पार्सल चयन और भू-आवंटन के लिए आईआईडीसी स्तर पर फास्ट ट्रैक अलॉटमेंट कमेटी का गठन किया गया है।
दिग्गज कंपनियों के लिए आकर्षक निवेश माहौल
फॉर्च्यून-500 और अन्य वैश्विक कंपनियों के लिए राज्य में निवेश को आसान बनाने के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। इस पॉलिसी के तहत सिंगापुर, जापान और अन्य देशों की कंपनियों ने रुचि दिखाई है।
राजस्व और एफडीआई आधारित प्रोत्साहन
100% एफडीआई और 100 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी निवेश करने वाली कंपनियों को विशेष छूट दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, जिन कंपनियों ने तीन वर्षों में 1000 करोड़ रुपये से अधिक का औसत राजस्व अर्जित किया है, उन्हें भी वरीयता दी जाएगी।
तीन श्रेणियों में निवेश परियोजनाओं की वर्गीकरण
इस पॉलिसी में परियोजनाओं को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- 201-750 करोड़ रुपये के निवेश पर: 100-200 एकड़ भूमि का आवंटन।
- 751-1500 करोड़ रुपये के निवेश पर: 201-300 एकड़ भूमि का आवंटन।
- 1500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर: 301 एकड़ से अधिक भूमि का आवंटन।
इन परियोजनाओं को 5 से 7 वर्षों की समयावधि में पूरा करना होगा। आवश्यकतानुसार, अधिकतम 2 वर्षों का विस्तार प्रदान किया जा सकता है।
पॉलिसी से जुड़े प्रमुख बिंदु
- औद्योगिक क्षेत्र:
नई पॉलिसी के जरिए राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। - CSR प्रोजेक्ट्स का समर्थन:
सामाजिक दायित्व के तहत कंपनियों को सीएसआर परियोजनाओं में भी योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। - नोडल एजेंसी:
इन्वेस्ट यूपी इस पॉलिसी के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। - तेजी से भू-आवंटन प्रक्रिया:
भूमि आवंटन को पारदर्शी और तेज बनाने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप किया जाएगा।