
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाकर इसे अधिक पारदर्शी और सरल किया गया।
- लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दत्तक ग्रहण जागरूकता माह-2024 के तहत फॉस्टर केयर और दत्तक ग्रहण पर चर्चा।

- केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARINGS) बड़े बच्चों के पुनर्वास और गोद लेने को प्रोत्साहित करने में सक्रिय।
- जागरूकता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन गतिविधियों का आयोजन, जैसे कहानी लेखन, पोस्टर निर्माण और ऑनलाइन सर्वेक्षण।
- महिला और बाल विकास मंत्री सावित्री ठाकुर ने अनाथ बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उठाए गए कदमों को रेखांकित किया।

लखनऊ, 21 नवंबर 2024: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में दत्तक ग्रहण जागरूकता माह-2024 के तहत “फॉस्टर केयर और दत्तक ग्रहण के माध्यम से बड़े बच्चों का पुनर्वास” विषय पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य अनाथ बच्चों, विशेष रूप से 6 से 18 वर्ष के बच्चों के पुनर्वास के लिए जागरूकता बढ़ाना और फॉस्टर केयर व दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को बढ़ावा देना था।
प्रधानमंत्री मोदी की पहल से दत्तक ग्रहण प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनी

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाकर इसे अधिक पारदर्शी और सरल बनाया। इस पहल ने हजारों अनाथ बच्चों को एक नया जीवन प्रदान किया है।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने में हर अनाथ बच्चे को उज्ज्वल भविष्य, बेहतर शिक्षा और स्वस्थ जीवन प्रदान करना शामिल है।
केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) की भूमिका
इस कार्यक्रम में केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) के योगदान पर विशेष चर्चा की गई। कारा न केवल दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को बढ़ावा देने में मदद करता है, बल्कि 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों और विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए स्थायी घर दिलाने के लिए भी काम कर रहा है।
श्रीमती ठाकुर ने कहा, “कारा ने फॉस्टर केयर और दत्तक ग्रहण को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए हैं। इस वर्ष, संगठन ने विशेष रूप से बड़े बच्चों के पुनर्वास पर जोर दिया है।”
राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता माह की गतिविधियां
हर साल नवंबर को राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष, जागरूकता अभियान को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से चलाया गया।
- ऑफलाइन गतिविधियां:
- देश के विभिन्न राज्यों जैसे लद्दाख, असम, मिजोरम, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
- संगोष्ठियों, कार्यशालाओं और संवाद सत्रों का आयोजन किया गया।
- ऑनलाइन पहलें:
- मायगोव इंडिया प्लेटफॉर्म के सहयोग से CARA ने ऑनलाइन कहानी लेखन, पोस्टर निर्माण और नारे सृजन जैसी गतिविधियां शुरू कीं।
- सोशल मीडिया के माध्यम से दत्तक ग्रहण प्रक्रिया और फॉस्टर केयर की जानकारी देने के लिए जागरूकता सामग्री साझा की गई।
पुस्तक “किलकारियां” का विमोचन
कार्यक्रम में CARA द्वारा लिखित प्रेरणादायक कहानियों की पुस्तक “किलकारियां” का विमोचन किया गया। इस पुस्तक में उन बच्चों और दत्तक माता-पिता की कहानियां शामिल हैं, जिन्होंने फॉस्टर केयर और दत्तक ग्रहण के माध्यम से अपने जीवन को नया आयाम दिया।
भावी और वर्तमान दत्तक माता-पिता का अनुभव साझा
संगोष्ठी में उपस्थित भावी दत्तक माता-पिता (PAP), दत्तक माता-पिता और वृद्ध दत्तक ग्रहणकर्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने गोद लेने की प्रक्रिया, उससे जुड़े भावनात्मक पहलुओं और अपने सुझावों पर चर्चा की।
सांस्कृतिक और संवादात्मक सत्र
कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, प्रतियोगिताओं और संवादात्मक सत्रों का भी आयोजन किया गया, जिसने इसे और अधिक प्रभावी और जीवंत बनाया।
गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य, CARA के अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न हितधारक समूह उपस्थित रहे।
दत्तक ग्रहण जागरूकता माह-2024 के तहत इस संगोष्ठी ने समाज में दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने और बड़े बच्चों के पुनर्वास के लिए एक सकारात्मक वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस पहल के माध्यम से न केवल अनाथ बच्चों के लिए नए अवसर सृजित होंगे, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा मिलेगी।