
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) नीति को और अधिक सरल और व्यवस्थित बनाने के निर्देश दिए।
- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में प्राप्त कुल निवेश प्रस्तावों का लगभग 10% हिस्सा पीपीपी परियोजनाओं के लिए था।
- नई पीपीपी नीति परियोजना चयन, स्टेकहोल्डर परामर्श, प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया और अनुबंध प्रबंधन को सुगम बनाएगी।
- इन्वेस्ट यूपी में एक समर्पित पीपीपी सेल का गठन किया जाएगा, जो अंतरविभागीय सहयोग और परियोजना कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाएगा।
- इस पहल का उद्देश्य निजी निवेशकों को आकर्षित करते हुए सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है।

लखनऊ, 19 नवंबर 2024: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने और पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) परियोजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक नई और सरल पीपीपी नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने इस नीति को वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के अनुसार विकसित करने पर जोर दिया है।
- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023: इस समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से लगभग 10% पीपीपी आधारित परियोजनाओं के लिए थे, जो इस नीति की सफलता को दर्शाते हैं।
- नई पीपीपी नीति की जरूरत: मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति परियोजनाओं की पहचान, स्टेकहोल्डर परामर्श, बिड तैयार करने, प्रोक्योरमेंट प्रक्रिया, अनुबंध प्रबंधन आदि को व्यवस्थित करेगी।
- इन्वेस्ट यूपी में पीपीपी सेल का गठन: इस सेल के माध्यम से अंतरविभागीय समन्वय और परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सुगम बनाया जाएगा।
- निजी निवेशकों को मिलेगा प्रोत्साहन: नई नीति निजी क्षेत्र के निवेशकों को अधिक आकर्षित करेगी और राज्य की विकास परियोजनाओं में भागीदारी बढ़ाएगी।
- सरकारी और निजी क्षेत्र का तालमेल: इस नीति का उद्देश्य सरकारी योजनाओं और निजी निवेश के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है।
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए नई पीपीपी नीति पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक अहम बैठक में इस नीति को भविष्य की जरूरतों के मुताबिक सरल और व्यवस्थित बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में 10% निवेश प्रस्ताव पीपीपी परियोजनाओं से संबंधित थे, जो राज्य की मौजूदा नीति की सफलता को दर्शाते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नई नीति में पीपीपी परियोजनाओं के चयन से लेकर उनके अनुबंध प्रबंधन और कार्यान्वयन तक की सभी प्रक्रियाओं को सुगम बनाया जाएगा। इसके साथ ही, इन्वेस्ट यूपी में एक विशेष पीपीपी सेल का गठन किया जाएगा, जो विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने और परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करने में मदद करेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश:
- नई पीपीपी नीति को सरल, व्यवस्थित और निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया जाए।
- राज्य में पीपीपी परियोजनाओं के लिए एक समर्पित फ्रेमवर्क तैयार किया जाए।
- इन्वेस्ट यूपी में एक डेडिकेटेड पीपीपी सेल स्थापित किया जाए, जो परियोजनाओं के क्रियान्वयन में मदद करेगा।
इस नई पहल से उत्तर प्रदेश में न केवल बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य में रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी पैदा होंगे।