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लर्निंग बाई डूइंग: विद्यालयों को कौशल केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए चयनित 200 शिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा

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  • उच्च प्राथमिक, कंपोजिट, पीएम श्री विद्यालयों और पायलट प्रोजेक्ट के विद्यालयों के चयनित 2402 शिक्षकों को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
  • तीसरे और चौथे बैच के समापन सत्र में पहुंचीं डीजी स्कूल शिक्षा,ने किया मार्गदर्शन
  • लखनऊ स्थित दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में दिया जा रहा है प्रशिक्षण
  • प्रदेश के विद्यार्थियों का भविष्य तय करेगी यह पहल: कंचन वर्मा

लखनऊ, 09 नवंबर2024: विद्यालयों को कौशल केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कोशिशों को परवान चढ़ाने के लिए प्रदेश के उच्च प्राथमिक, कंपोजिट और पीएम श्री विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से चयनित 2402 शिक्षकों के तीसरे और चौथे बैच के शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन हुआ। ‘लर्निंग बाई डूइंग’ के सिद्धांत पर आधारित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की यह पहल विद्यार्थियों के भविष्य को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगी और प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा प्रदान करेगी। महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने कहा कि प्रत्येक बच्चे एवं शिक्षक को विज्ञान का आकर्षण स्वतः उसे अपनी ओर खींचता है जिससे बच्चों में सीखने,जानने व करने की उत्सुकता पैदा होती है विज्ञान का महत्व हमारे जीवन के प्रत्येक चरण में उपलब्ध होता है और इस शिक्षक प्रशिक्षण से हमारे विद्यालय के बच्चों को इन्हें करके सीखने का अवसर प्रदान करेगा जो भविष्य में इन्हें तकनीकी ज्ञान व रोजगार के प्रति आकर्षित करेगा।

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वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों का मिला मार्गदर्शन तीसरे और चौथे बैच के लगभग 200 शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों को शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी संबोधित किया और प्रेरित किया। समापन सत्र में वरिष्ठ विशेषज्ञ माधवजी तिवारी, अपर निदेशक बी. डी. चौधरी, डॉ. फैजान इनाम, रंजीत सिंह और अन्य अतिथियों ने उपस्थित शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने इस पहल को प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक मील का पत्थर बताया और विद्यार्थियों के व्यावसायिक विकास व रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ‘लर्निंग बाई डूइंग’ कार्यक्रम की सराहना की।

इस मौके पर अपर मुख्य सचिव परिवहन ने कहा कि इस कार्यक्रम के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध तकनीकी ज्ञान व कौशल को भी बच्चों को सीखाने की आवश्यकता है ताकि बच्चों के अंदर आत्मविश्वास बड़े और शिक्षकों को एक कुशल शिक्षक बनने के लिए उपलब्ध संसाधनों से बेहतर परिणाम हासिल करना चाहिए।

बता दें कि लखनऊ स्थित दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान में चल रहे इस प्रशिक्षण में कुल 2402 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना है, जिनमें से तीसरे और चौथे बैच तक लगभग 200 शिक्षकों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। ज्ञात हो कि यहाँ 1772 उच्च प्राथमिक व कंपोजिट, 570 पीएम श्री विद्यालयों और 60 पायलट प्रोजेक्ट से चयनित विज्ञान और गणित शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। इतना ही नहीं, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रदेश के इन विद्यालयों को कौशल केंद्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से इस चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में शिक्षकों को अनेक विधाओं में पारंगत किया जा रहा है।

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