
- मथुरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक का आयोजन।
- सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने किया उद्घाटन।
- बैठक में संघ के पंच परिवर्तन और विजयादशमी पर व्यक्त विचारों पर गहन चर्चा।
- जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल और पूर्वोत्तर राज्यों के 393 कार्यकर्ताओं की सहभागिता।
- 2025 तक की कार्य योजनाओं और समाज के समसामयिक मुद्दों पर विचार-विमर्श।

मथुरा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की दो दिवसीय बैठक का शुभारंभ शुक्रवार, 25 अक्टूबर को मथुरा स्थित दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गऊ ग्राम, परखम, फरह के नवधा सभागार में हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन कर किया। इस बैठक में संघ के कई वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संघ की भावी कार्य योजना, कार्य विस्तार और वर्तमान समाजिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जा रही है।

बैठक के प्रारंभ में संघ के दिवंगत वरिष्ठ सदस्यों और कई प्रतिष्ठित हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि देने के लिए जिन प्रमुख हस्तियों का स्मरण किया गया उनमें पूज्य राघवाचार्य महाराज (जयपुर), प्रसिद्ध उद्योगपति और पद्मविभूषण रतन टाटा, पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, ईनाडु और रामोजी फिल्म सिटी के संस्थापक रामोजी राव, कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी, पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, एडमिरल (सेनि) रामदास तथा अन्य प्रमुख विभूतियाँ शामिल हैं। इन सभी की समाज में दी गई सेवाओं को याद करते हुए उनके योगदान की सराहना की गई और उनके प्रति श्रद्धा अर्पित की गई।
समाज में पंच परिवर्तन को लेकर संघ की प्रतिबद्धता

संघ कार्य विस्तार की योजना के तहत विभिन्न प्रांतों से आए कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा भी की जाएगी। मार्च 2024 की अ. भा. प्रतिनिधि सभा में तय की गई वार्षिक योजनाओं का मूल्यांकन किया जाएगा और आगामी मार्च 2025 तक की योजनाओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस बैठक में संघ के 11 क्षेत्रों और 46 प्रांतों के कुल 393 कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं, जिसमें जम्मू-कश्मीर, केरल, अरुणाचल, मणिपुर, त्रिपुरा जैसे सुदूर राज्यों के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। बैठक में सभी कार्यकर्ता गऊग्राम परिसर में ही निवास कर रहे हैं, जिससे उन्हें बैठक के दौरान अन्य कार्यकर्ताओं के साथ संवाद और विचार-विमर्श का अवसर मिल रहा है।
इस बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई वरिष्ठ अधिकारी और पदाधिकारी उपस्थित हैं। इनमें पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, मुकुंदा जी, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, आलोक कुमार और अतुल लिमये जैसे प्रमुख अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा, संघ के विभिन्न अखिल भारतीय कार्य विभाग प्रमुख भी बैठक में उपस्थित हैं। ये सभी सदस्य संघ की आगामी योजनाओं और कार्यों पर मंथन कर भविष्य की दिशा तय करेंगे।
संघ ने समाज में पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार का संकल्प लिया है, जिसे पंच परिवर्तन के नाम से जाना जाता है। इनमें सामाजिक समरसता का प्रसार, कुटुंब प्रबोधन का प्रचार, पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता, ‘स्व’ आधारित जीवनशैली को अपनाने पर बल और नागरिक कर्तव्यों का पालन सुनिश्चित करना शामिल है। इन सभी पर कार्य विस्तार और इन्हें समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुँचाने के लिए विशेष योजना बनाई जा रही है। संघ का उद्देश्य है कि इन परिवर्तनकारी प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव आए और भारत एक समृद्ध एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित हो।
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक के उद्देश्य और मुख्य विषय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र कुमार ने जानकारी दी कि यह बैठक दो दिन चलेगी और समापन शनिवार, 26 अक्टूबर को शाम 6:15 बजे होगा। इस दौरान बैठक में प्रमुख रूप से तीन मुख्य उद्देश्यों पर चर्चा होगी:
- विजयादशमी के विचारों पर योजनाएं: विजयादशमी के अवसर पर सरसंघचालक द्वारा जो विचार और नीतियां प्रस्तुत की गई थीं, उनके कार्यान्वयन की योजनाएं बनाई जाएंगी। साथ ही, सरसंघचालक के उद्बोधन में वर्णित महत्वपूर्ण विषयों का विश्लेषण कर उन्हें लागू करने की रणनीति तय की जाएगी।
- समसामयिक मुद्दों पर मंथन: देश में वर्तमान में चल रहे महत्वपूर्ण समसामयिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा होगी। संघ के कार्यकर्ता समाज के प्रति जिम्मेदारियों और आवश्यक बदलावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इन मुद्दों का समाधान खोजने का प्रयास करेंगे।
- संघ कार्य विस्तार और पंच परिवर्तन: संघ के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए कार्य विस्तार की योजनाओं का निर्माण किया जाएगा। इसके तहत संघ कार्य में और तेजी लाई जाएगी। इसके अलावा, संघ द्वारा स्थापित पंच परिवर्तन – सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण सुरक्षा, ‘स्व’ आधारित जीवनशैली, और नागरिक कर्तव्यों को समाज में प्रचारित करने पर जोर दिया जाएगा।