
- लोक निर्माण विभाग में नई प्रवेश व्यवस्था से कर्मचारियों को मिला पारदर्शी कार्य वातावरण।
- मिनिस्ट्रियल एसोसियेशन ने नई व्यवस्था की सराहना करते हुए इसे विभागीय सुधार का महत्वपूर्ण कदम बताया।
- दलालों की गतिविधियों पर अंकुश, कार्यालयों में अनावश्यक बैठकों पर रोक।
- ई-गवर्नेंस और डिजिटल प्रणाली से कार्य प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के प्रयास।
- प्रमुख अभियंता (विकास) के नेतृत्व में विभागीय कार्यों में सुधार के लिए आभार।
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय में हाल ही में सचिवालय की तर्ज पर एक नई प्रवेश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था के तहत कर्मचारियों और अधिकारियों को पारदर्शी और सुव्यवस्थित कार्य वातावरण उपलब्ध हो रहा है, जिसे विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दोनों सकारात्मक रूप से ले रहे हैं। प्रदेश मिनिस्ट्रियल एसोसियेशन, लखनऊ की प्रदेश महामंत्री ज्योति पांडेय ने प्रमुख अभियंता (विकास) को लिखे पत्र में इस व्यवस्था की सराहना की है और इसे विभागीय सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
पारदर्शिता और दक्षता में सुधार
मिनिस्ट्रियल एसोसियेशन के अनुसार, इस नई व्यवस्था ने मुख्यालय में उन दलालों की गतिविधियों पर अंकुश लगा दिया है, जो पहले बिना किसी कारण के कार्यालयों में आकर बैठते थे और सरकारी कार्यों में बाधा डालते थे। अब, कर्मचारियों और अधिकारियों को शांति और पारदर्शिता के साथ अपने कार्यों को संपन्न करने का अवसर मिल रहा है। पहले, दलालों की वजह से सरकारी कार्यों में रुकावट आती थी, जिससे अधिकारियों की कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता था।
एसोसियेशन ने यह भी कहा कि इस नई प्रणाली से न केवल कार्य प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि इससे पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। विभागीय कर्मचारियों को बेहतर कार्यशील वातावरण प्राप्त हो रहा है, जिससे उनका मनोबल भी ऊंचा हो रहा है।
दलालों की नाराज़गी और अधिकारियों पर आरोप
नई प्रवेश व्यवस्था से नाखुश होकर कुछ दलालों ने अधिकारियों पर अनर्गल आरोप लगाने की कोशिश की है। हालांकि, एसोसियेशन ने यह स्पष्ट किया है कि यह आरोप केवल इस व्यवस्था को बाधित करने के लिए लगाए जा रहे हैं। एसोसियेशन ने कर्मचारियों और अधिकारियों को यह आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत यह व्यवस्था विभाग में सुधार लाने के लिए लागू की गई है और इस पर किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आने दी जाएगी।
विभागीय कार्यों में तेजी और ई-गवर्नेंस का प्रभाव
एसोसियेशन ने इस नई व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि इससे विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और गति में बढ़ोत्तरी हुई है। अब, कार्यालय के कार्य आसानी से संपन्न हो रहे हैं और अनावश्यक लोगों की दखलअंदाजी बंद हो गई है। इसके अलावा ई-गवर्नेंस और डिजिटल प्रणाली के उपयोग से कार्य प्रक्रिया को सरल और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में भी बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इससे आम नागरिकों को भी सरकारी सेवाओं का लाभ बिना किसी देरी के मिल सकेगा।
प्रमुख अभियंता (विकास) का आभार
मिनिस्ट्रियल एसोसियेशन ने प्रमुख अभियंता (विकास) के नेतृत्व में इस बदलाव के लिए आभार व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि यह व्यवस्था विभागीय कार्यप्रणाली में एक स्थायी सुधार लाएगी। एसोसियेशन ने अधिकारियों और कर्मचारियों को इस नई व्यवस्था के प्रति पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया है, जिससे आने वाले समय में विभागीय कार्यों में और भी सुधार होने की संभावना है।