
बहराइच/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां दो पुलिसकर्मियों को उनके पदों से डिमोट कर दिया गया है। यह मामला बहराइच के जरवल रोड थाने का है, जहां प्रभारी निरीक्षक और चौकी इंचार्ज को अपने गलत आचरण के कारण प्रमोशन की जगह डिमोशन का सामना करना पड़ा। पुलिस जांच के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को उनके मूल पदों पर वापस भेज दिया गया है, जो कि एक अभूतपूर्व मामला है।
घटना की पृष्ठभूमि
यह मामला 2024 का ही है, जब जरवल रोड थाने में विनोद राय प्रभारी निरीक्षक और मोहम्मद असलम चौकी इंचार्ज थे। इस दौरान जमीन कब्जेदारी के एक विवाद में दोनों पुलिसकर्मियों पर आरोप लगा कि उन्होंने एक पक्ष का समर्थन करते हुए ज़मीन पर कब्जा करा दिया। इस मुद्दे को लेकर दूसरे पक्ष ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) से शिकायत की, जिसके बाद एसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल पुलिस लाइन भेज दिया और मामले की जांच शुरू की।
जांच में हुआ खुलासा
पुलिस अधिकारियों की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि विनोद राय और मोहम्मद असलम दोनों ही जमीन कब्जेदारी के मामले में एक पक्ष का समर्थन कर रहे थे। उनके इस अनुचित आचरण के चलते पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने सख्त कदम उठाते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को उनके प्रमोशन से डिमोट कर दिया। विनोद राय, जो सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर बने थे, को वापस सब इंस्पेक्टर बना दिया गया। वहीं, मोहम्मद असलम, जो कांस्टेबल से दरोगा बने थे, को वापस कांस्टेबल बना दिया गया। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि पुलिस महकमे में अनुचित आचरण की कोई जगह नहीं है। जहां सरकारी नौकरी में प्रमोशन आमतौर पर अच्छे कामों के लिए मिलता है, वहीं अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के मामलों में अधिकारियों को डिमोशन का सामना भी करना पड़ सकता है।