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भाजपा विधायक डॉ.राजेश्वर सिंह का सपा पर हमला: पूर्व के गुंडाराज की याद दिलाई

  • भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सपा के गुंडाराज को याद दिलाया।
  • सपा सरकार में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का मान-सम्मान नहीं था सुरक्षित
  • 2005 में पुलिस अधिकारी राजेश साहनी को जीप के बोनट पर लटकाने की घटना का किया उल्लेख
  • 2013 में कुंडा CO जिया उल हक और मथुरा SP City मुकुल द्विवेदी की हत्या हुई
  • IAS अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन तुष्टिकरण का प्रतीक है
  • योगी सरकार में अपराधियों को सही जगह दिखाई जाती है, यूपी का सुशासन मॉडल अनुकरणीय है

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के जनप्रिय भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सपा सरकार के गुंडाराज के इतिहास को जनता के सामने लाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता सपा सरकार के कुशासन को कभी नहीं भूलेगी और न ही जाति-धर्म आधारित प्रलोभनों में आएगी। डॉ. सिंह का यह बयान न केवल राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का हिस्सा है, बल्कि यह उन घटनाओं की श्रृंखला का भी एक संकलन है, जो सपा शासन के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस बल के प्रति होने वाले अन्याय को दर्शाता है।

सपा शासनकाल की घटनाएँ

  1. 2005 में राजेश साहनी का मामला:
    डॉ. सिंह ने 2005 की उस कुख्यात घटना का उल्लेख किया, जब सपा संरक्षित गुंडों ने कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी राजेश साहनी को जीप के बोनट पर लटकाकर कैसरबाग से हजरतगंज तक खींचा था। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया था कि सपा सरकार में पुलिस बल के अधिकार और सम्मान की कोई कीमत नहीं थी। इस घटना ने न केवल पुलिस बल को शर्मिंदा किया, बल्कि यह दर्शाया कि गुंडाराज के खिलाफ आवाज उठाने वाले अधिकारियों की जान भी खतरे में थी।
  2. 2013 में मथुरा के SP City मुकुल द्विवेदी व प्रतापगढ़ में कुंडा CO जिया उल हक की हत्या:
    डॉ. सिंह ने 2013 में कुंडा के CO जिया उल हक की नृशंस हत्या का जिक्र किया। यह हत्या उस समय हुई जब सपा सरकार के संरक्षण में गुंडों ने अपने स्वार्थ के लिए इस ईमानदार अधिकारी की जान ले ली। इसी वर्ष, मथुरा के SP City मुकुल द्विवेदी की हत्या ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि सपा सरकार में पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं थे। यह घटना न केवल पुलिस बल के लिए एक बड़ा धक्का थी, बल्कि इसने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सपा सरकार के संरक्षण में गुंडों का मनोबल कितना ऊंचा था। डॉ. सिंह ने इस हत्या को भी सपा के गुंडाराज का प्रतीक बताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि पुलिस अधिकारियों की जान भी इस शासन में सुरक्षित नहीं थी।
  3. दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन:
    डॉ. सिंह ने बताया कि 2013 में सपा सरकार ने तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पार करते हुए IAS अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को निलंबित कर दिया था। यह निलंबन तब हुआ जब उन्होंने अवैध मस्जिद की दीवार गिराने का कार्य किया। इस निर्णय ने यह साबित किया कि सपा सरकार न केवल कानून का उल्लंघन करती थी, बल्कि ईमानदार अधिकारियों को भी दंडित करने से नहीं चूकती थी। इसके परिणामस्वरूप, सपा सरकार ने केंद्र सरकार से सभी IAS अधिकारियों को वापस बुलाने की असंवैधानिक मांग भी की।
  4. आईएएस विजय शंकर पाण्डेय पर कार्रवाई:
    उन्होंने यह भी कहा कि जब वरिष्ठ IAS अधिकारी विजय शंकर पाण्डेय ने काले धन के खिलाफ आवाज उठाई, तो उन्हें विभागीय जांच का सामना करना पड़ा। यह मामला तब इतना गंभीर हो गया कि सुप्रीम कोर्ट को इस जांच को निरस्त करने का आदेश देना पड़ा और यूपी सरकार पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया। यह घटनाएँ स्पष्ट करती हैं कि सपा सरकार अपने खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती थी।

वर्तमान की योगी सरकार का मॉडल

डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने बयान में श्रद्धेय योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान योगी सरकार में अपराधियों और माफियाओं को सही जगह दिखाई जाती है, जो कि सरकार की दृढ़ता और राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है। भाजपा सरकार ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि वह गुंडाराज को खत्म करने और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सपा सरकार के कुशासन के प्रति जनता का गुस्सा और असंतोष बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग सपा के जाति-धर्म आधारित प्रलोभनों को समझ चुके हैं और अब वे भाजपा के सुशासन की ओर देख रहे हैं। उनका यह बयान स्पष्ट करता है कि भाजपा सरकार अपनी उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

डॉ. राजेश्वर सिंह का यह बयान न केवल सपा सरकार के गुंडाराज को उजागर करता है, बल्कि वर्तमान योगी सरकार की उपलब्धियों और उसकी नीति की प्रशंसा भी करता है। यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा का शासन ना केवल विकास के लिए है, बल्कि यह प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा और उनके सम्मान की भी रक्षा करने के लिए है। डॉ. सिंह का यह बयान समाज के सभी वर्गों को यह संदेश देता है कि वे सपा के कुशासन और गुंडाराज को नकारते हुए, एक सुरक्षित और विकसित उत्तर प्रदेश की ओर अग्रसर हैं।

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